24.7 C
Madhya Pradesh
November 23, 2024
Pradesh Samwad
देश विदेश

बेंगलुरु में बोली जाती हैं 107 भाषाएं, देश का सबसे ज्यादा भाषाएं बोलने वाला जिला

कर्नाटक का बेंगलुरु वह जिला है, जहां देश की सबसे ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं। यह बात 2011 की जनगणना के हालिया विश्लेषण में सामने आई है। यह विश्लेषण दो शिक्षाविदों ने किया है।
बेंगलुरु में कम से कम 107 भाषाएं बोली जाती हैं, जिनमें 22 अनुसूचित और 84 गैर-अनुसूचित भाषाएं शामिल हैं। जनगणना के विश्लेषण ब्रुकिंग्स इंस्टिट्यूशन के एक नॉन रेजिडेंट सीनियर फेलो शमिका रवि और भारतीय सांख्यिकी संस्थान में अर्थशास्त्र के असोसिएट प्रफेसर मुदित कपूर ने किए।
यहां बोली जाती हैं 100 से ज्यााद भाषाएं : अन्य जिले जहां 100 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं, वे हैं नगालैंड के दीमापुर (103) और असम के सोनितपुर (101)। कम से कम विविध जिलों में यनम (पुदुचेरी), कैमूर (भभुआ, बिहार), कौशाम्बी और कानपुर देहात (उत्तर प्रदेश) और अरियालुर (तमिलनाडु) शामिल हैं। इन जिलों में 20 से कम भाषाएं बोली जाती हैं।
44 फीसदी बोली जाती है कन्नड़ : बेंगलुरु में कन्नड़ बोलने वालों का कुल प्रतिशत 44% है। अन्य प्रमुख भाषाओं में तमिल (15%), तेलुगु (14%), उर्दू (12%), हिंदी (6%), मलयालम (3%), मराठी (2%), कोंकणी (0.6%), बंगाली (0.6%) शामिल हैं। उड़िया (0.5%), पोचुरी, कोंध, संगतम और वांचो जैसी भाषाओं में बोलने वालों की संख्या सबसे कम है।
लेखक बताते हैं कि जनगणना में सभी भाषाओं को शामिल किया गया है, भले ही इसे बोलने वाली आबादी का आकार कुछ भी हो। भाषाई विविधता गतिशीलता लाती है और इससे आर्थिक परिणाम सामने आते हैं।
‘ज्यादा भाषाओं का मतलब आर्थिक गतिशीलता’ : शमिका ने कहा, ‘गतिशीलता, आर्थिक गतिशीलता के लिए एक अच्छा मार्कर है… प्रतिभा के लिए भाषा एक अच्छी प्रॉक्सी है। जब बहुत अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग एक ही स्थान पर आ रहे हैं, तो अर्थव्यवस्था और नौकरी के अवसर बढ़ते हैं। बेंगलुरु का भाषाई स्तर दर्शाता है कि यहां पर दूर-दूर से लोग आते हैं।’ शमिका ने बताया कि न्यूयॉर्क में 600 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं।

Related posts

नाटो ने रूस को चेताया, कहा-यूक्रेन को अस्थिर करने की कोई भी कोशिश महंगी गलती होगी

Pradesh Samwad Team

हमास ने इस्माइल हनिया को दोबारा बनाया अपना सर्वोच्च नेता, इजरायल के लिए कितना खतरनाक?

Pradesh Samwad Team

विवाह में तीन शब्दों ‘रिक्वेस्ट, थैंक्यू, सॉरी’ को सदैव याद रखें’ महामारी से बढ़ी परिवारिक परेशोनियों पर बोले पोप फ्रांसिस

Pradesh Samwad Team