24.2 C
Madhya Pradesh
November 24, 2024
Pradesh Samwad
देश विदेश

बिना किसी कैमरे के जेम्स वेब टेलिस्कोप ने ली पहली ‘सेल्फी’

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने शुक्रवार को जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (James Webb Space Telescope) से खींची गई कुछ तस्वीरें जारी कीं। इसमें टेलिस्कोप के प्राइमेरी मिरर (Primary Mirror) की एक ‘सेल्फी’ भी शामिल है। टेलिस्कोप ने सबसे पहले उर्स मेजर तारामंडल में एचडी 84406 सितारे को देखना शुरू किया ताकि मिरर अलाइन्मेंट (Mirror Alignment) प्रक्रिया शुरू हो सके। यह तारा धरती से करीब 269 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है। नासा वेब टेलिस्कोप ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी।
ट्वीट में लिखा गया, ‘वेब ने अपने प्राइमेरी मिरर की ‘सेल्फी’ ली है जो किसी बाहर से लगाए गए इंजीनियरिंग कैमरे से नहीं खींची गई है, बल्कि इसके NIRCam इंस्ट्रूमेंट के भीतर लगे एक खास लेंस ने इसे कैप्चर किया है।’ तस्वीर को समझाते हुए टेलिस्कोप ने ट्वीट में लिखा, ‘जो आप देख रहे हैं यह वेब का असली प्राइमेरी मिरर है जो अपने टारगेट स्टार की ओर देख रहा है। सभी मिरर स्टारलाइट की ओर देख रहे हैं लेकिन चमकीला मिरर इसलिए चमक रहा है क्योंकि यह सितारे के साथ एक सीधी रेखा में है।’
पहली तस्वीर से टीम बेहद खुश : नासा के आधिकारिक बयान में, टेलिस्कोप की प्रमुख इन्वेस्टिगेटर और यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना में खगोलशास्त्री मार्सिया रीके ने कहा, ‘पूरी टीम इस बात से बेहद खुश है कि फोटो खींचने और टेलिस्कोप के अलाइन्मेंट का पहला चरण अच्छी तरह से पूरा हो गया।’ यह तस्वीर इस बात का सबूत है कि टेलिस्कोप वैसा ही काम कर रहा है जैसा इसे करना चाहिए था। सितारे की तस्वीर अभी साफ नहीं आई है क्योंकि सभी मिरर एक रेखा में नहीं है।
मिरर्स को समायोजित करेंगे वैज्ञानिक : नासा ने कहा कि अगले महीने टीम धीरे-धीरे सभी मिरर्स को तब तक एक रेखा में लाने का प्रयास करेगी जब तक कि सभी 18 तस्वीरें मिलकर एक सितारे की फोटो नहीं बनातीं। नासा ने अपने बयान में कहा कि इमेज कैप्चरिंग प्रक्रिया 2 फरवरी को शुरू हुई थी। इस टेलिस्कोप को नासा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी और कनाडाई स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है। नासा के नए टेलिस्कोप में एक गोल्डेन मिरर लगा हुआ है जिसकी चौड़ाई करीब 21.32 फीट है।
18 षटकोण टुकड़ों को जोड़कर बना मिरर : यह मिरर बेरिलियम से बने 18 षटकोण टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है। हर टुकड़े पर 48.2 ग्राम सोने की परत चढ़ी हुई है जिससे यह एक परावर्तक की तरह काम करता है। यह टेलिस्कोप पुराने हबल से काफी अलग है। खराबी आने पर हबल के विपरीत धरती से ही इसकी मरम्मत की जा सकेगी। नासा ने शक्तिशाली हबल दूरबीन को 24 अप्रैल, 1990 को जब अंतरिक्ष में लॉन्च किया था, उसके एक दिन बाद इसे अपनी ड्यूटी पर तैनात किया गया था।

Related posts

जापान में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव 29 सितंबर को, पहली बार चार उम्मीदवारों में 2 महिलाएं दावेदार

Pradesh Samwad Team

जिंदा उइगरों के अंग बेचकर अरबों डॉलर कमा रहा चीन !

Pradesh Samwad Team

ईरान ने 2015 के समझौते की खुलकर उड़ाई धज्जियां, लगातार बढ़ा रहा परमाणु भंडार

Pradesh Samwad Team