प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बुधवार को अपनी बैठक के दौरान यूक्रेन संकट के वैश्विक आर्थिक परिणामों को कम करने के साथ-साथ युद्धग्रस्त देश (यूक्रेन) में शत्रुता को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं। यह जानकारी राजनयिक सूत्रों ने दी।मोदी वर्तमान में डेनमार्क की यात्रा पर हैं, वह अपनी वापसी के दौरान पेरिस में कुछ समय के लिए रुकेंगे, जहां वह राष्ट्रपति मैक्रों के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। मैक्रों एक सप्ताह पहले फ्रांस में राष्ट्रपति पद के लिए फिर से निर्वाचित हुए हैं।
सूत्रों ने कहा कि चर्चा इस विषय पर भी केंद्रित होगी कि रक्षा निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की भारत की आकांक्षा में फ्रांस कैसे भारत का ‘पसंदीदा साझेदार’ बना रह सकता है। उन्होंने कहा कि वार्ता प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों का भी पता लगाएगी।
सूत्रों ने कहा कि दोनों नेता इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि यूक्रेन में शत्रुता की समाप्ति कैसे सुनिश्चित की जाए और इस संघर्ष के वैश्विक आर्थिक परिणामों को कैसे कम किया जाए। उन्होंने कहा कि वार्ता में क्षेत्र हिंद-प्रशांत में चुनौतियों से एकजुट होकर निपटने पर भी जोर दिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि उम्मीद है कि मोदी और मैक्रों क्षेत्र में ‘समाधान के सकारात्मक एजेंडे’ को तेज करने के तरीके भी तलाशेंगे। एक राजनयिक सूत्र ने कहा, ‘यह यात्रा राष्ट्रपति मैक्रों के फिर से चुने जाने के तुरंत बाद हो रही है, इसे विश्वास और दोस्ती के एक असाधारण संकेत के रूप में देखा जा रहा है।’
सूत्रों ने कहा कि चुनावी जीत के कुछ दिनों बाद मैक्रों से मोदी की मुलाकात बेहद प्रतीकात्मक है। सूत्रों ने कहा कि यह एक मजबूत संकेत देता है कि दोनों नेता आने वाले वर्षों के लिए भारत-फ्रांस साझेदारी को अपनी विदेश नीति का मार्गदर्शक सिद्धांत बनाना चाहते हैं।