भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने तोक्यो ओलिंपक में कमाल का प्रदर्शन किया है। उसने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है। अब गेंद महिला टीम के पाले में है। महिला हॉकी टीम अपने स्वप्निल सफर में एक और जीत दर्ज करने की उम्मीद के साथ सोमवार को तोक्यो ओलिंपिक क्वॉर्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कड़ी चुनौती से पार पाने की कोशिश करेगी।
1980 में किया था सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : भारतीय महिला हॉकी टीम ने आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका पर लगातार जीत दर्ज कर छह अंकों के साथ पूल ए में चौथे स्थान पर रहते हुए पहली बार अंतिम आठ चरण में जगह बनायी। पूल से शीर्ष चार टीमें नॉकआउट चरण में पहुंची। भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलिंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 में मास्को में रहा था जब वह छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी।
ये खुशी के आंसू हैं: जब भारतीय हॉकी टीम की जीत की खबर सुनाते वक्त रोने लगे कमेंटेटर्स, क्या आज महिला टीम कमाल कर पाएगी?
पुरुष हॉकी टीम ने 49 साल बाद सेमीफाइनल में किया प्रवेश : भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 49 साल बाद ओलिंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश किया है। मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने क्वॉर्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर शानदार जीत दर्ज की है। भारतीय टीम 1972 के बाद 49 साल बाद सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रही है। 1980 ओलिंपिक में भारत ने गोल्ड जीता था लेकिन वह राउंड रॉबिन फॉर्मेट में खेला गया था। टॉप की दो टीमें फाइनल में भिड़ी थीं। भारतीय पुरुष टीम का फाइनल में सामना बेल्जियम से मंगलवार को होगा।
हैटट्रिक हार के पाद जबरदस्त कमबैक : तोक्यो में टीम का अभियान नीदरलैंड, जर्मनी और गत चैम्पियन ब्रिटेन से लगातार तीन मैचों में हार से शुरू हुआ लेकिन उसने शानदार वापसी करते हुए अपने से ऊंची रैंकिंग की आयरलैंड को 1-0 से हराने के बाद दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से शिकस्त देकर खुद को दौड़ में बनाए रखा। भारत का अंतिम आठ में स्थान ब्रिटेन के पूल ए के अंतिम मैच में आयरलैंड को 2-0 से हराने के बाद सुनिश्चित हुआ।
ऑस्ट्रेलिया के सामने कड़ी परीक्षा : रानी रामपाल की अगुआई वाली टीम ने लगातार तीन हार के बाद वापसी करने का जबरदस्त जज्बा और दृढ़ संकल्प दिखाया तथा ऑस्ट्रेलियाई टीम इसी दृढ़ संकल्प की परीक्षा लेगी। अनुभवी स्ट्राइकर वंदना कटारिया महिला हॉकी में ओलिंपिक में हैटट्रिक जमाने वाली देश की पहली खिलाड़ी बनी।