अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान की सरकार में कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी बुधवार से पाकिस्तान का दौरा करेंगे। कहा जा रहा है कि दोनों देशों के बीच संबंधों को फिर से स्थापित करने के प्रयासों के तहत यह यात्रा होगी। मंगलवार को मुत्तकी के दौरे की घोषणा की गई। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि यह यात्रा पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की 21 अक्टूबर को काबुल की यात्रा के बाद हो रही है।
बयान में कहा गया कि पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण, स्थिर, संप्रभु, समृद्ध अफगानिस्तान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश कार्यालय ने कहा है कि मुत्तकी 10-12 नवंबर तक पाकिस्तान में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। बयान में कहा गया है, ‘वार्ता में पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंधों पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ व्यापार में वृद्धि, सीमा पार व्यापार की सुविधा, सीमा पार आवाजाही, भूमि और विमानन क्षेत्र, लोगों के आपसी संपर्क और क्षेत्रीय संपर्क पर ध्यान केंद्रित होगा।’
अफगानों की मदद का दावा कर रहा पाकिस्तान : मौजूदा स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगान लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए तत्काल मानवीय और आर्थिक सहायता मुहैया करने का आग्रह करता रहा है। विदेश कार्यालय ने कहा है कि अपनी तरफ से पाकिस्तान, अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय और आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान की हमदर्दी अफगानों से ज्यादा तालिबान के साथ है। पाकिस्तान पर लगातार तालिबान को सत्ता में लाने के लिए सहयोग करने के आरोप लगते रहे हैं।
गुपचुप तरीके से तालिबानी ‘अधिकारियों’ को दी एंट्री : पूर्व अफगान उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह लगातार अफगानिस्तान के मौजूदा संकट के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। उन्होंने कई बार पाकिस्तान पर तालिबान की मदद करने के आरोप लगाए हैं। बीते दिनों पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि पाकिस्तान ने तालिबान की ओर से नियुक्त ‘राजनयिकों’ को अपने यहां अफगान दूतावास और वाणिज्य दूतावासों का प्रभार संभालने की चुपचाप अनुमति दे दी। ‘डॉन’ की रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान तालिबान को काबुल में वैध सरकार नहीं मानता, लेकिन फिर भी उसने तालिबान की ओर से नियुक्त ‘राजनयिकों’ को वीजा जारी किए हैं।