बीजेपी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा के बयान की कई अरब व मुस्लिम देशों ने निंदा की है। इनमें सऊदी अरब, कतर और यूएई जैसे नाम शामिल हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान भी भारत के विरोध में बोलने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश अपवाद है। पड़ोसी धर्म निभाते हुए बांग्लादेश न सिर्फ भारत के खिलाफ बयान देने से इनकार कर रहा है बल्कि वह उचित कार्रवाई के लिए भारत सरकार का धन्यवाद भी दे रहा है। पूरे मामले पर बांग्लादेश के एक मंत्री ने कहा कि उन्हें कानून पर भरोसा है।
बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री डॉ हसन महमूद ने शनिवार को ढाका में कहा कि पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान का मामला भारत का आंतरिक मामला है और ढाका की सरकार को इस पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘सबसे पहली बात, बांग्लादेश के लिए यह एक बाहरी मामला है। यह मासला भारत का है, बांग्लादेश का नहीं। हमें कुछ भी कहने की जरूरत नहीं।’
‘समझौता नहीं… कानून अपना काम करेगा’ : महमूद ने भारतीय पत्रकारों से एक अनौपचारिक बातचीत में ये बातें कहीं। उन्होंने मामले में कार्रवाई, बीजेपी नेताओं का निलंबन, के लिए भारतीय अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि वह इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाएंगे। 57 देशों के इस्लामिक सहयोग संगठन के विरोध के बावजूद पूरे मामले पर बांग्लादेश की चुप्पी के सवाल पर महमूद ने कहा, ‘हम समझौता नहीं कर रहे हैं। हम कहीं भी और कभी भी पैगंबर मोहम्मद के अपमान की निंदा करते हैं लेकिन भारत सरकार ने इस पर कार्रवाई की है। हम उनका धन्यवाद देते हैं और अब कानून अपना काम करेगा।’
‘मेरा काम आग लगाना नहीं है’ : बांग्लादेशी मंत्री ने कहा, ‘मैं इस मुद्दे को क्यों भड़काऊं? क्यों इसमें आग लगाऊं? क्या पहले से ही इस पर काफी चर्चा नहीं हो रही? मेरा काम आग लगाना नहीं है।’ शुक्रवार को ढाका में कुछ मुस्लिम समूहों ने अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किया जिसमें शहर की प्रमुख मस्जिद शामिल थी। बांग्लादेश में विपक्षी दलों और इस्लामी समूहों ने मोदी सरकार की आलोचना करने में उनकी सरकार की विफलता पर निशाना साधा है।