राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को इससे संबंधित निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, आयोग ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के लिए यह निर्देश जारी किया गया है। इससे पहले शीर्ष अदालत की फटकार के बाद आयोग ओबीसी के लिए आरक्षित पदों की चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पंचायत चुनाव के परिणाम एक साथ घोषित किए जाएं। इस बीच, कई पंचायतों में निर्विरोध चुनाव होने लगे थे। इसलिए आयोग को इस तरह का आदेश निकालना पड़ा है।
आयोग के नए आदेश के अनुसार पंच, सरपंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया चलती रहेगी। सिर्फ उनके परिणाम घोषित नहीं किए जाएंगे। किसी भी पद पर निर्विरोध चुने जाने पर रिटर्निंग ऑफिसर न ही रिजल्ट घोषित करेगा और न ही सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। पंचायत के सभी पदों के लिए मतगणना का सारणीकरण (टेब्युलेशन) और नतीजों की घोषणा से जुड़ी कार्यवाही स्थगित रहेगी। इस संबंध में आयोग अलग से निर्देश जारी करेगा।
एक्सपर्ट्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ओबीसी की जो सीट निरस्त हो गई है, उन्हें अब राज्य सरकार री नोटिफाइड यानी सामान्य करेगी। फिर चुनाव आयोग उनके निर्वाचन की तिथि घोषित करेगा। जब उन सीटों के भी परिणाम आ जाएंगे, तब सारे रिजल्ट एक साथ घोषित किए जाएंगे। निर्वाचन आयोग का आदेश कहता है कि सिर्फ नतीजे घोषित नहीं करना है। ओबीसी के लिए रिजर्व सीटों पर चुनाव स्थगित होने का आदेश पहले ही आ चुका है। नतीजे सीलबंद कर सुरक्षित रखने का आदेश है। ताकि ओबीसी सीटों पर भी चुनाव हों, तो सभी नतीजे साथ में घोषित किए जाएं।