कोविड-19 की दूसरी लहर में काफी सारे लोगों को बीमार बनाने वाला ‘डेल्टा’ वेरिएंट कहीं गया नहीं है। राजधानी में अब भी सबसे ज्यादा सैम्पल्स इसी के हैं। यही हाल महाराष्ट्र का भी है। दोनों ही जगह जुलाई के महीनों में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए जितने सैम्पल्स भेजे गए, 80% से ज्यादा में डेल्टा वेरिएंट मिला है। दिल्ली में इसका अलावा ‘अल्फा’ वेरिएंट के मामले भी देखने को मिले हैं। महाराष्ट्र में ‘डेल्टा-प्लस’ वेरिएंट केवल 45 सैम्पल्स में मिला है। 8,000 सैम्पल्स में से बस 45 में ‘डेल्टा-प्लस’ का मिलना मतलब यह वेरिएंट ज्यादा संक्रामक नहीं है, जैसा पहले डर था।
दिल्ली में पिछले तीन महीनों में ‘डेल्टा’ ही सबसे ज्यादा : दिल्ली सरकार ने पिछले तीन महीनों में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए जो सैम्पल्स भेजे हैं, उनमें से कम से कम 80 प्रतिशत में ‘डेल्टा’ मिला है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के डेटा के अनुसार, जुलाई में जीनोम सीक्वेंसिंग के 83.3% नमूनों में यही वेरिएंट मिला है। जबकि जून में ‘डेल्टा’ वेरिएंट की मौजूदगी 88.6% तथा मई में 81.7% थी।
महामारी की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। सैम्पल्स के बीच डेल्टा वेरिएंट का दबदबा इसका सबूत है। यह वेरिएंट अब भी फैल रहा है। हम दिल्ली में कम मामले देख रहे हैं क्योंकि कई लोगों को यह पहले ही संक्रमित कर चुका है।
‘शायद आए तीसरी लहर, शायद ना आए’ : डॉ गुप्ता DDMA के सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा कि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और हैंड हायजीन बेहद जरूरी है। उन्होंने टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “तीसरी लहर शायद आए, शायद ना आए। यह नोवल कोरोना वायरस के म्यूटेशन और उसकी प्रसारता पर निर्भर करेगा।
अब दुनियाभर में फैल चुका ‘डेल्टा’ : डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) असल में ‘कप्पा’ वेरिएंट (B.1.617) का एक सब-लीनिएज है। यह पहली बार अक्टूबर 2020 में महाराष्ट्र के सैम्पल्स में मिला था। अब यह दुनियाभर में फैल चुका है। वैज्ञानिकों ने कहा था कि ‘डेल्टा’ ना सिर्फ बाकी वेरिएंट्स के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है, बल्कि यह वायरल लोड ज्यादा देता है और वैक्सीन को चकमा भी।
महाराष्ट्र में भी ‘डेल्टा’ वेरिएंट के ही सबसे ज्यादा केस : महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि जुलाई में डेल्टा-प्लस वेरिएंट के मामलों की संख्या बढ़कर 45 हो गई। हालांकि यह करीब 8,000 सैम्पल्स का केवल 0.5% है। यहां से भेजे गए 87% सैम्पल्स में ‘डेल्टा’ वेरिएंट पाया गया है।