पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की रहस्यमय पत्नी बुशरा बीबी की दोस्त फराह खान दुबई फरार हो गई हैं। इमरान कुर्सी जाने और संसद के भंग होने के ठीक बाद फराह खान पाकिस्तान छोड़कर भागी हैं। फराह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप विपक्ष ने लगाए हैं। यही नहीं फराह के अलावा इमरान खान की पार्टी पीटीआई के कई नेता भी विदेश भाग रहे हैं। माना जा रहा है कि पीटीआई के नेताओं को विपक्ष की सरकार बनते ही जेल जाने का डर सता रहा है। यही वजह है कि वे देश छोड़कर भाग रहे हैं।
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक फराह खान रविवार को दुबई के लिए रवाना हुईं। फराह के पति भी दुबई में रहते हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो और पीएमएल एन की नेता मरियम नवाज ने कई बार आरोप लगाया है कि फराह खान भ्रष्टाचार में डूबी हुई हैं। इस पूरे मामले में इमरान खान के निकट सहयोगी शाहबाज गिल ने कहा था कि मरियम के पास कोई वजह नहीं बची थी तो उन्होंने बुशरा की दोस्त को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
बुशरा बीबी पर काला जादू करने का लगा आरोप : गिल ने कहा कि फराह किसी भी सार्वजनिक पोस्ट पर नहीं थीं और वह पीटीआई की सदस्य भी नहीं हैं। इससे पहले पिछले दिनों यह खबर आई थी कि बुशरा बीबी अपना घर छोड़कर फराह के घर चली गई हैं और उनका इमरान खान से मनमुटाव हो गया है। हालांकि बाद में बुशरा बीबी फिर से इमरान खान के घर बनी गाला आ गईं। इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद बुशरा बीबी पर आरोप लगा था कि वह काला जादू कर रही हैं और अपने घर में मुर्गे जला रही हैं।
इस बीच संसद को भंग करके आम चुनाव कराने के ऐलान के बाद इमरान खान ने मीडिया से बात करते हुए विपक्ष का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष आज भी समझ नहीं पा रहा है कि आज क्या हुआ।’ जियो न्यूज के मुताबिक, इमरान खान ने हंसते हुए कहा, ‘पिछली रात, आप सभी कोशिश कर रहे थे कि घबराएं नहीं। विपक्ष अभी हालात के बारे में अनजान है। अगर मैंने खुलासा किया होता कि मैं कल क्या करने वाला था, तो वे चौंक गए होते।’
मैं आप सभी को याद दिलाता हूं, घबराना नहीं है: इमरान : उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान, जिसमें सेना प्रमुख के साथ-साथ अन्य सभी सेवाओं के प्रमुख भी शामिल थे, पाकिस्तान के राजदूत को मिला ‘धमकी वाला पत्र’ पेश किया गया था। उन्होंने कहा, ‘बैठक में खत की समीक्षा की गई और बहस से यह निष्कर्ष निकाला गया कि खत, वाकई धमकी भरा था।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने पूछा, विदेशी राजनयिकों से बात करने का उनका मकसद क्या था? … अविश्वास प्रस्ताव एक विदेशी साजिश थी। यह उससे जुड़ा हुआ था।’ पीएम ने कहा, ‘मैं आप सभी को याद दिलाता हूं, घबराना नहीं है।’