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November 22, 2024
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तालिबान से 20 साल तक चली जंग, अमेरिका ने लुटाए 2 ट्रिल्यन डॉलर, क्या हुआ फायदा?


ब्राउन यूनिवर्सिटी के मुताबिक 933 अरब डॉलर अमेरिकी रक्षा विभाग के युद्ध के बजट पर, 59 अरब डॉलर विदेश मंत्रालय के युद्ध के बजट, 443 अरब डॉलर रक्षा विभाग में युद्ध से जुड़ी बढ़त, 296 अरब डॉलर जंग से लौटे सैनिकों की देखभाल और 530 अरब डॉलर युद्ध से जुड़े कर्ज पर खर्च किए गए।
अमेरिका ने करीब 20 साल तक अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ जंग लड़ी और अब उसने खुद को इससे अलग कर लिया है। तालिबान आज देश की सत्ता पर काबिज है तो जाहिर है उसे मिटाने का अमेरिका का मकसद पूरा नहीं हुआ। ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिका को इससे भयानक युद्ध से नुकसान कितना हुआ? ब्राउन यूनिवर्सिटी के आकलन के मुताबिक कुल खर्च 2.26 ट्रिल्यन डॉलर का था। इसमें रक्षा विभाग का बेस बजट शामिल था। इसमें से ज्यादातर हिस्सा अमेरिका से बाहर नहीं गया। जुलाई में आई स्पेशल इंस्पेक्टर जनरल फॉर अफगानिस्तान रीकंस्ट्रक्शन की एक रिपोर्ट का कहना है कि तब तक अमेरिकी रक्षा विभाग ने 839 अरब डॉलर अफगानिस्तान में Operation Enduring Freedom और Operation Freedom’s Sentinel पर खर्च कर दिए थे। इसमें से 83.3 अरब डॉलर सुरक्षा से जुड़े पुनर्निर्माण पर खर्च किया गया।
अफगान सेना पर ध्यान : ब्राउन यूनिवर्सिटी के मुताबिक 933 अरब डॉलर अमेरिकी रक्षा विभाग के युद्ध के बजट पर, 59 अरब डॉलर विदेश मंत्रालय के युद्ध के बजट, 443 अरब डॉलर रक्षा विभाग में युद्ध से जुड़ी बढ़त, 296 अरब डॉलर जंग से लौटे सैनिकों की देखभाल और 530 अरब डॉलर युद्ध से जुड़े कर्ज पर खर्च किए गए। अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2010 से 2012 के बीच इस जंग पर सालाना खर्च 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। जब अमेरिका ने अपना बजट तालिबान पर कार्रवाई की जगह अफगान सेना की ट्रेनिंग पर लगाना शुरू कर दिया और तब यह खर्च कम होने लगा।
कहां किया खर्च? : अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अफगानिस्तान पर अक्टूबर 2011 से लेकर सितंबर 2019 तक 778 अरब डॉलर खर्च किए जा चुके थे। इसके अलावा अमेरिकी गृह विभाग ने अमेरिकी इंटरनैशनल डिवेलपमेंट एजेंसी और सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर 44 अरब डॉलर पुनर्निर्माण प्रॉजेक्ट पर खर्च किए। यानी 2001 से 2019 के बीच कुल खर्च 822 अरब डॉलर था। साल 2002 के बाद से अमेरिका ने 143 अरब डॉलर अफानिस्तान में पुनर्निर्माण पर खर्च किए हैं। इसमें से आधे से ज्यादा अफगान सुरक्षाहलों पर खर्च किया गया। 36 अरब डॉलर प्रशासन और विकासकार्यों के लिए कुछ राशि नशे को खत्म करने और दूसरे मानवीय कार्यों के लिए दी गई। 
गईं कितनी जानें : सबसे बड़ी कीमत इंसानी जिंदगियों की चुकानी पड़ी है। कम से कम 2300 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई जबकि 450 से ज्यादा ब्रिटिश सैनिकों की भी जान चली गई। 20.6 हजार अमेरिकी सैनिक घायल हो गए। इससे कहीं ज्यादा 45 हजार अफगान सैनिक 2019 तक सिर्फ पांच साल में मार दिए गए थे। ब्राउन यूनिवर्सिटी की रिसर्च क मुताबिक राष्ट्रीय सेना और पुलिस के 64 हजार कर्मियों की मौत 2001 के बाद हो गई थी। यही नहीं साल 2009 के बाद कम से कम 1.1 लाख आम नागरिकों की या तो मौत हो गई या वे घायल हो गए।

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