भारतीय फुटबॉल का केंद्र माना जाने वाला कोलकाता एशिया के सबसे पुराने क्लब फुटबॉल टूर्नामेंट डूरंड कप के अगले पांच संस्करणों की मेजबानी करेगा। लेफ्टिनेंट जनरल कमल रेप्सवाल (चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय पूर्वी कमान, एसएम, वीएसएम) ने पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास की मौजूदगी में गुरुवार को फोर्ट विलियम में प्रतिष्ठित डूरंड कप ट्राफियों के अनावरण के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कोलकाता के टूर्नामेंट के मेजबान होने की आधिकारिक पुष्टि की।
इस मौके पर अरूप बिस्वास ने 130वें डूरंड कप के लिए दर्शकों की उपस्थिति मानदंडों के बारे में बताया कि कोरोना महामारी के चलते शुरुआत में स्टैंड्स में दर्शकों की कम से कम उपस्थिति होगी। उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार ने स्टेडियमों के अंदर 50 फीसदी क्षमता की अनुमति दी है, लेकिन डूरंड कप टूर्नामेंट समिति ने कोरोना महामारी के मद्देनजर न्यूनतम उपस्थिति की अनुमति देने का फैसला किया है और फिर धीरे-धीरे टूर्नामेंट के अंतिम चरण की ओर बढ़ने और सब कुछ ठीक रहने पर सरकार 50 फीसदी उपस्थिति की अनुमति देगी।
जनरल रेप्सवाल ने कहा कि डूरंड कप का 129वां संस्करण 2019 में कोलकाता में आयोजित किया गया था। कोलकाता में टूर्नामेंट को जिस तरह की प्रतिक्रिया मिली, वह राज्य सरकार से मिले जबरदस्त समर्थन की बदौलत है। मुझे राज्य सरकार के हर विभाग का उल्लेख करना चाहिए, क्योंकि उन्हीं के कारण यह टूर्नामेंट सफल बना। आप सभी को यह जानकर बहुत खुशी होगी कि अगले पांच साल तक कोलकाता में डूरंड कप का आयोजन किया जाएगा।
जनरल रेप्सवाल ने यह भी पुष्टि की कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पांच सितंबर को विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन (वीवाईबीके) में 130वें डूरंड कप के पहले मैच में उपस्थित होंगी। उल्लेखनीय है कि 130वें डूरंड कप चैंपियंस खिताब के लिए कुल 16 टीमें होड़ में हैं और गत चैंपियन गोकुलम केरल के अलावा आईएसएल (इंडियन सुपर लीग) फ्रेंचाइजी केरला ब्लास्टर्स दक्षिणी राज्य की दूसरी टीम है जो फुटबॉल जुनून के लिए जानी जाती है।