श्रीलंका में अडानी ग्रुप की परियोजनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठा आरोप लगाने वाले श्रीलंका के सीलोन बिजली बोर्ड के चेयरमैन ने इस्तीफा दे दिया है। एमएमसी फर्डिनेंडो ने एक संसदीय समिति के सामने दावा किया था कि पीएम मोदी ने श्रीलंका में अडानी समूह की एक परियोजना को लेकर मंजूरी देने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर “दबाव” डाला था। फर्डिनेंडो के इस दावे के बाद श्रीलंका में बवाल मच गया था। खुद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इन आरोपों का जोरदार तरीके से खंडन किया था। जिसके बाद फर्डिनेंडो ने अपने बयान को वापस लेते हुए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी।
श्रीलंकाई ऊर्जा मंत्री ने इस्तीफे की पुष्टि की : श्रीलंका के बिजली और ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने सोमवार दोपहर एक ट्वीट में कहा कि मैंने सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) के चेयरमैन एमएमसी फर्डिनेंडो के मुझे दिए गए इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। उपाध्यक्ष नलिंडा इलंगाकून सीईबी के नए अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे। पद से हटाए गए सीईबी चेयरमैन एमएमसी फर्डिनेंडो का दावा एक अक्षय ऊर्जा परियोजना से संबंधित था, जिसे सीईबी ने मार्च 2022 में श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के मन्नार और पूनरिन में अडानी समूह के साथ एक्जिक्यूट करने पर सहमति व्यक्त की थी।
गौतम अडानी की श्रीलंका यात्रा के बाद फाइनल हुई थी डील : अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी की श्रीलंका यात्रा के लगभग पांच महीने बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया गया था। इस दौरान उन्होंने श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से मुलाकात की और बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में संभावित निवेश का पता लगाया। श्रीलंकाई संसद की कमेटी ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज के सामने दिए गए फर्डिनेंडो के बयान को एक निजी टेलीविजन चैनल ने प्रसारित किया था। इसी प्रसारण के बाद श्रीलंका से लेकर भारत तक कोहराम मच गया था। रविवार को एक ट्वीट में, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा की दुश्मनी अब पाक जलडमरूमध्य को पार कर श्रीलंका में चली गई है।