पाकिस्तानी नौसेना में सोमवार को चीन में बने युद्धपोत पीएनएस तुगरिल को कमीशन किया गया। इस मौके पर कतर से गिफ्ट में मिले 10 सी किंग हेलीकॉप्टरों को भी पाकिस्तानी नौसेना में शामिल किया गया। इन दोनों युद्धक मशीनों की कमीशनिंग सेरेमनी कराची के नेवल डॉकयार्ड में आयोजित की गई। इस अवसर पर पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल अमजद खान नियाजी ने चीन से मिले टाइप054 फ्रिगेट की जमकर तारीफ भी की। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तानी नौसेना किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है। टाइप054 फ्रिगेट के पहले युद्धपोत को पाकिस्तान ने पीएनएस तुगरिल नाम दिया है।
2017 में चीन और पाकिस्तान ने की थी डील : पाकिस्तान और चीन ने टाइप-054 युद्धपोतों के लिए साल 2017 में डील की थी। इस करार के तहत पहला पोत पिछले साल अगस्त में तैयार हुआ था। जिसके बाद लगभग एक साल तक इसका समुद्री परीक्षण किया गया है। पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीन का बनाया हुआ यह युद्धपोत इतना धुआं छोड़ता है कि उसे आसानी से डिटेक्ट किया जा सकता है। हालांकि, बाद में चीन ने इस युद्धपोत के इंजन में काफी सुधार किया है।
चीनी सेना में ऐसे 30 युद्धपोत तैनात : टाइप-054 युद्धपोत चीनी नौसेना का मुख्य आधार है। इस तरह के कम से कम 30 युद्धपोत चीनी नौसेना में तैनात हैं। नेवल मिलिट्री स्ट्डीज रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ रिसर्च फेलो झांग जुनशे ने कहा कि नया फ्रिगेट टाइप 054ए पर आधारित है और यह चीन का सबसे उन्नत फ्रिगेट(लड़ाकू पोत) है। टाइप-054 फ्रिगेट शिप को शंघाई के हुडोंग झोंगहुआ शिपयार्ड में तैयार किया गया है।
इन हथियारों से लैस है टाइप 054 युद्धपोत : इस युद्धपोत में अत्याधुनिक सरफेस, सब सरफेस और एंटी एयर हथियार लगे हुए हैं। इस युद्धपोत में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, एयर और जमीनी निगरानी के लिए उपकरणों और सेंसर को लगाया जाएगा। इसके अलावा युद्धपोत में अत्याधुनिक युद्ध प्रबंधन सिस्टम लगा है जिससे पाकिस्तानी नेवी की लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। यही नहीं इस युद्धपोत के आने के बाद पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा और प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी।
चीनी तकनीक से पनडुब्बी भी बना रहा पाकिस्तान : पाकिस्तानी नौसेना के लिए चीनी तकनीक पर आधारित हैंगोर क्लास की पांचवी पनडुब्बी का निर्माण शुरू कर दिया गया है। इस पनडुब्बी को बनाने के लिए 9 दिसंबर को कराची शिपयॉर्ड में स्टील कटिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया। इस श्रेणी की पिछली चार पनडुब्बियों को चीन में बनाया गया है। यह पहला अवसर है जब पाकिस्तान हैंगोर क्लास की पनडुब्बी को अपने देश में बनाएगा। इस पनडुब्बी को पाकिस्तानी नौसेना के पूर्व वाइस एडमिरल अहमद तसनीम के नाम पर पीएनएस तसनीम नाम दिया गया है।