तिब्बत में एक चीनी अदालत ने तिब्बती लेखक और शिक्षक गो शेरब ग्यात्सो को आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के प्रति वफादारी व्यक्त करने के लिए एक गुप्त ट्रायल में 10 साल जेल की सजा सुनाई है। रेडियो फ्री एशिया (RFA) के अनुसार लेखक गो शेरब ग्यात्सो ने चीनी शासन के तहत रहने वाले तिब्बतियों पर प्रतिबंधों का वर्णन करते हुए किताबें और लेख लिखे थे।
बता दें कि सिचुआन के नगाबा (चीनी, आबा) तिब्बती स्वायत्त प्रान्त में कीर्ति मठ में एक भिक्षु गो शेरब ग्यात्सो (46) को 26 अक्तूबर, 2020 को सिचुआन की राजधानी चेंगदू में राज्य सुरक्षा एजेंटों द्वारा अज्ञात आरोपों में हिरासत में लिया गया था। ग्यात्सो के करीबी सूत्रों ने कहा इस बीच ग्यात्सो को जल्द ही तिब्बत की क्षेत्रीय राजधानी ल्हासा के पास एक जेल में ले जाया जाएगा। RFA के अनुसार, जिन आरोपों पर उन्हें दोषी ठहराया गया था उनके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
RAF से बात करते हुए निर्वासन में रहने वाले एक तिब्बती विद्वान ने बताया कि चीनी शासन के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों का वर्णन करने वाली किताबें और लेख लिखने वाले ग्यात्सो खुले विचारों वाला व्यक्ति हो जो तिब्बती भाषा, धर्म और संस्कृति के संरक्षण की वकालत करता है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार दिवस पर उनकी 10 साल की सजा के बारे में सुनना, दुखद खबर है। उन्होंने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र, दुनिया भर की सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में तुरंत देखने का आह्वान किया है।