राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि सदन में विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकर्मियों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उनका अपमान किया। हालांकि सरकार ने उनके आरोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह ‘सत्य से परे’ है।
खड़गे ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि विपक्ष के सदस्य जब विरोध प्रदर्शन के लिए आसन के निकट जाते हैं तो पुरुष और महिला सुरक्षाकर्मी का एक घेरा बना दिया जाता है। इसके उलट पीयूष गोयल ने कहा कि राज्यसभा में सबसे निंदनीय कार्य ये हुआ कि महिला सुरक्षाकर्मी की गला घोंटने की कोशिश की गई।
महिला सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्कामुक्की : उन्होंने कहा, ‘हमारी महिला सदस्य आ रही हैं… घेरा बना लिया जा रहा है… धक्कामुक्की की जा रही है…महिला सदस्यों का अपमान हो रहा है… महिला सांसद सुरक्षित नहीं हैं… यह संसद और लोकतंत्र का अपमान है।’ इसके बाद कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने खड़गे के आरोपों का प्रतिकार करते हुए कहा कि यह ‘‘सत्य से परे’’ हैं। उन्होंने पलटकर आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों ने महिला सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्कामुक्की की है।
महिला सुरक्षाकर्मियों पर आरोप : उन्होंने कहा, ‘लोगों ने हमें जनादेश दिया और हम विधेयक पारित करवा रहे हैं। संसदीय इतिहास में विपक्षी सदस्यों का इस प्रकार का आचरण कभी नहीं देखा गया। नेता विपक्ष ने जो आरोप लगाए हैं वह सत्य से परे है।’ उन्होंने कहा कि जिस भी सदस्य ने महिला सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्कामुक्की की है उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस बीच, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राज्यसभा से ‘साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021’ को मंजूरी मिलने के बाद आरोप लगाया कि सदन के भीतर सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में यह विधेयक पारित कराया गया जो बहुत ही ‘अत्याचार’ था।
उच्च सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक रमेश ने ट्वीट किया, ‘बीमा संशोधन विधेयक राज्यसभा में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में पारित किया गया। सरकार ने इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने से इनकार कर दिया, जबकि सभी विपक्षी दलों ने इसकी मांग की थी। इनमें से कुछ दल तो भाजपा के निकट हैं। आज की शाम जो हुआ वह बहुत ही ‘अत्याचार’ था।’
पीयूष गोयल ने की निंदा : संसद के मानसून सत्र में हंगामे के दौरान विपक्षी सदस्यों के आचरण की कड़ी निंदा करते हुए राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने बुधवार को सभापति से आग्रह किया कि वह इसके लिए एक समिति का गठन करें और दोषी सदस्यों के खिलाफ ‘कड़ी से कड़ी कार्रवाई ’ करें। सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से पहले गोयल ने पूरे सत्र के दौरान विपक्षी दलों द्वारा किए गए हंगामे और इस दौरान कागज फाड़कर आसन की ओर फेंकने सहित अन्य विभिन्न घटनाओं का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दल सत्र की शुरुआत से ही संसद ना चलने देने की ठानकर आए थे।