ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शनिवार को चुनाव के बाद हार मान ली है। लेबर पार्टी ने 2007 के बाद पहली चुनावी जीत हासिल की है। विपक्षी नेता एंथनी अल्बानीस को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। ऑस्ट्रेलिया में 2001 के बाद से सबसे ज्यादा महंगाई और आवासों की बढ़ती कीमतों के बीच लेबर पार्टी ने और वित्तीय सहायता तथा बेहतर सामाजिक सुरक्षा का वादा किया है। पार्टी ने न्यूनतम वेतन भी बढ़ाने का इरादा जताया है। वहीं विदेश नीति के मोर्चे पर पार्टी ने ‘पैसिफिक डिफेंस स्कूल’ स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है जिसमें पड़ोसी देशों के सैनिकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसलिए मॉरिसन ने पहले ही मान ली हार : ऑस्ट्रेलिया में ताजा रुझानों में अब अल्पमत की सरकार बनने की संभावना है। लाखों मतों की गणना अभी नहीं हुई है। इसके बावजूद मॉरिसन ने त्वरित कदम उठाया है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अमेरिका, जापान और भारत के नेताओं के साथ तोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं। मॉरिसन ने कहा कि मेरा मानना है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस देश में निश्चितता हो। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यह देश आगे बढ़े। विशेष रूप से इस सप्ताह के दौरान जो महत्वपूर्ण बैठकें हो रही हैं, मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस देश की सरकार के बारे में बहुत स्पष्ट समझ हो।
लेबर पार्टी ने किए हैं कई बड़े वादे : लेबर पार्टी ने 2050 तक ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में 43 प्रतिशत की कटौती के साथ जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर भी अपना रुख जाहिर किया है। मॉरिसन की लिबरल पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को चौथी बार तीन साल के कार्यकाल मिलने की उम्मीद थी। मॉरिसन के गठबंधन के पास 151 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में मामूली बहुमत है। शनिवार को शुरुआती मतगणना में गठबंधन 38 सीटों पर, लेबर पार्टी 71 सीटों पर आगे थी।
महामारी के कारण बदला गया था वोटिंग पैटर्न : महामारी के कारण, ऑस्ट्रेलिया के 1.7 करोड़ मतदाताओं में से लगभग आधे पहले ही मतदान कर चुके हैं या डाक मतों के लिए आवेदन किया, जिससे मतगणना धीमी गति से होने की संभावना है। देश में वयस्क नागरिकों के लिए मतदान अनिवार्य है और 92 प्रतिशत पंजीकृत मतदाताओं ने पिछले चुनाव में मतदान किया था।