ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को इस धारणा को खारिज करने की कोशिश की कि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत भारतीयों के लिए वीजा नियमों में ढील दी जाएगी। साप्ताहिक ”प्रधानमंत्री के प्रश्न” सत्र के दौरान जॉनसन की कंजरवेटिव पार्टी के एक सांसद ने मीडिया में आईं उन रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया मांगी।
इसमें भारत के लिए एफटीए को और अधिक आकर्षक बनाने के मद्देनजर भारतीय पेशेवरों और छात्रों के लिए आसान वीजा नियम बनाने का दावा किया गया था। कंजरवेटिव सांसद सर एडवर्ड लेह ने जॉनसन से पूछा कि क्या भारत के साथ व्यापार समझौते को सुरक्षित करने के लिए वीजा नियंत्रण में छूट का इरादा है। जॉनसन ने कहा, ”हम उस आधार पर मुक्त व्यापार समझौते नहीं करते हैं।
सदन में सांसद एडवर्ड का प्रश्न उन रिपोर्ट पर आधरित है, जिसके अनुसार ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार सचिव ऐने मैरी ट्रेवेलियन के इस महीने के अंत में एफटीए वार्ता शुरू करने के लिए दिल्ली की यात्रा करने की उम्मीद है। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वह ब्रिटेन के एफटीए के हिस्से के रूप में ऑस्ट्रेलिया के समान वीजा योजना की पेशकश कर सकती हैं। इस तरह की योजना से भारतीय युवाओं को ब्रिटेन आने और वहां तीन साल तक काम करने का मौका मिलेगा।