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September 21, 2024
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इमरान ने पार्टी सांसदों से कहा- अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर वोटिंग से रहें दूर

अपनी कुर्सी बचाने की कोशिशों में जुटे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने मंगलवार को आखिरी दांव चला है। उन्‍होंने अपनी पार्टी के सांसदों को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (imran khan no confidence vote) पर मतदान वाले दिन इसमें अनुपस्थित रहने, या उस दिन नेशनल असेंबली के सत्र में भाग नहीं लेने की सख्त हिदायत दी है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सांसदों को लिखे एक पत्र में प्रधानमंत्री खान ने यह बात कही है।
जियो न्यूज की खबर के मुताबिक, अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सांसदों को लिखे एक पत्र में प्रधानमंत्री खान ने कहा, ‘नेशनल असेंबली में पीटीआई (उनकी पार्टी) के सभी सदस्य मतदान से दूर रहें/उस दिन नेशनल असेंबली की बैठक में शामिल नहीं हों जब उस प्रस्ताव पर वोटिंग कराई जाए।’ उन्होंने कहा कि सभी सदस्य पूरी तरह से उनके निर्देशों का पालन करें और ‘पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 63(ए) के प्रावधान के पीछे की मंशा’ को ध्यान में रखें।
3 अप्रैल को होना है मतदान : पाकिस्तान के इतिहास में आज तक किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल नहीं किया गया है। खान इस चुनौती का सामना करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं। पाकिस्तानी संसद के निचले सदन में इस प्रस्ताव पर गुरुवार को चर्चा होगी। गृह मंत्री शेख राशिद ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान 3 अप्रैल को होना तय हुआ है।
नेशनल असेंबली के एक सत्र के दौरान सोमवार को विपक्षी दलों के खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद राशिद ताजा राजनीतिक स्थिति को लेकर यहां संघीय राजधानी में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ’31 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी, उसके बाद तीन अप्रैल को मतदान होगा।’
विपक्ष और इमरान, दोनों कर चुके हैं रैली : उन्होंने दावा किया कि खान इसमें विजयी रहेंगे। उन्होंने अनुमान जताया कि अलग-थलग पड़े सभी सहयोगी खान के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने के लिए वापस आएंगे जैसा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) पहले ही कर चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और विपक्षी दलों की रविवार और सोमवार को अलग-अलग राजनीतिक रैलियां करने के बाद सभी सड़कों को खोल दिया गया है और शहर के एक हिस्से में कोई नाकेबंदी नहीं की गई है।
गठबंधन के सहारे टिकी है सरकार : 69 वर्षीय खान गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और अगर कुछ सहयोगी दल गठबंधन से हटने का फैसला करते हैं तो उनकी सरकार गिर सकती है। पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में खान की पार्टी के 155 सदस्य हैं और उसे सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों के समर्थन की जरूरत है।
विपक्ष ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। इस प्रस्ताव के मद्देनजर रैली का आयोजन किया गया था। खान 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे, लेकिन वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे, जिससे विपक्ष को उनकी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया।

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