पश्चिम क्षेत्र के एसपी महेश चंद जैन (Indore West SP Mahesh Chand Jain) को रॉल-कॉल में जवानों को केले बांटने का अपना आदेश निरस्त करना पड़ा है। जवानों को केले देने की चर्चा खूब हो रही थई। सोशल मीडिया से लेकर पुलिस महकमे तक में आदेश को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं थीं। केले बांटने के आदेश के पीछे एसपी की सकारात्मक सोच थी। उनका मानना था कि ला एंड ऑर्डर आदि के मामले में जवानों को कई घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है।
इंदौर पश्चिम के एसपी का मानना था कि ड्यूटी की वजह से जवान कई बार खाना भी नहीं खा पाते हैं। केला सबसे पौष्टिक आहार है। इसलिए उन्होंने वितरण का आदेश दिया था। वहीं, मामले में कई पूर्व पुलिस अफसरों का कहना था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कभी इस तरह के आदेश नहीं देखें और पढ़े। वहीं, केला वितरण में बजट की समस्या भी सामने आई थी। हालांकि इसे लेकर एसपी ने यहां तक कहा था कि थाना प्रभारी बिल पेश करेंगे तो वह शासन से बिलों का भुगतान करा देंगे।
आदेश के पालन में कई थाना प्रभारियों ने रॉल-कॉल के दौरान केले बांटे, लेकिन तमाम चर्चाओं और आदेश को लेकर बने नकारात्मक माहौल के बाद इसे निरस्त कर दिया गया है। इससे संबंधित चिट्ठी जारी कर दी गई है।
पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गया था मामला : सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार रॉल-कॉल में केले बांटने के लिखित आदेश का मामला पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गया था। वहां के भी कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का रूख आदेश को लेकर नकारात्मक था, जिसके चलते जवानों को केले बांटने का यह नवाचार शुरूआत के कुछ दिन बाद ही खत्म हो गया। इधर, कैले बांटने की शुरुआत को लेकर एक पुलिस आरक्षक का कहना है कि यह पहल अच्छी थी। इसे जारी रखना चाहिए था।
केले बांटने के आदेश में यह उल्लेख : पश्चिम क्षेत्र के एसपी महेश चंद्र जैन ने 25 अगस्त को आदेश जारी किया था। इसमें उल्लेख किया कि सभी थाना प्रभारी सुबह-शाम होने वाली गणना (रॉल-कॉल) में पुलिसकर्मियों को दो-दो केले खाने के लिए दें। इसके लिए उन्होंने थोक केले विक्रेता से संपर्क करने की बात भी कही है। उन्होंने थाना प्रभारियों को कहा था कि केले की गुणवत्ता अच्छी हो, दाम भी किफायती होना चाहिए। मामले में एएसपी, सीएसपी और एसडीओपी को भी ध्यान देने की बात कही गई थी।