प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को कहा कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में चेन्नै से एक बंगला सीज किया है। कुछ लग्जरी कारें भी सीज हुई हैं। यह कार्रवाई सुकेश चंद्रेशखर नाम के एक ठग के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मुकदमे में की गई। चंद्रशेखर वो शख्स है जिसपर तिहाड़ जेल के भीतर से फिरौती रैकेट चलाने का आरोप है। जांच एजेंसियों की तफ्तीश तो यहां तक कहती है कि तिहाड़ जेल में बंद रहते हुए सुकेश ने 190-200 करोड़ रुपये की फिरौती वसूली।
कौन है सुकेश चंद्रशेखर? : कर्नाटक के बेंगलुरु से आने वाले सुकेश चंद्रेशखर को अय्याश जिंदगी जीने के शौक ने शातिर ठग बना दिया। वह जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही ठगी करने लगा था। बेंगलुरु पुलिस ने जब सुकेश को पहली बार पकड़ा था, तब उसकी उम्र सिर्फ 17 साल थी। केस था कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी के बेटे का दोस्त बनकर एक परिवार से 1.14 करोड़ रुपये ठगने का। बेंगलुरु में जब उसकी पोल खुलने लगी तो वह चेन्नै भाग गया।
2007 के बाद से सुकेश ने लगातार ठिकाने बदले। उसे खूबसूरत घरों और लग्जरी गाड़ियों का शौक है। वहीं जिनमें से कुछ ईडी ने जब्त की हैं। सुकेश ने देश के बड़े शहरों में नामी-गिरामी हस्तियों को अपना शिकार बनाया है। उसका एक नाम ‘बालाजी- भी है। चंद्रशेखर के खिलाफ देशभर में 20 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। उम्र 31 साल बताई जाती है।
वो केस जिससे मिली नैशनल लाइमलाइट : चंद्रशेखर को अप्रैल 2017 में चुनाव आयोग घूसकांड मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि वह एक होटल में बैटकर टीटीवी दिनाकरण खेमे से डील करने की कोशिश में था। सुकेश चुनाव आयोग में संपर्क होने का दावा कर 50 करोड़ रुपये की डील करने की कोशिश कर रहा था। चंद्रशेखर का दावा था कि वह चुनाव आयोग के अधिकारियों को घूस देकर शशिकला खेमे को AIADMK के दो पत्तियों वाले चुनाव चिन्ह दिला देगा। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक होटल में उसके कमरे से 1.3 करोड़ रुपये कैश बरामद किया था।
क्या है मॉडस-ऑपरेंडी? : चंद्रशेखर ने सबसे ज्यादा ठगी नौकरियों का झांसा देकर की है। एक रिपोर्ट के अनुसार, उसने एक नेता का रिश्तेदार होने का ढोंग करते हुए 100 से ज्यादा लोगों को 75 करोड़ रुपये का चूना लगाया। वह खुद को किसी ताकतवर नाम से जुड़ा बताकर टारगेट्स को भरोसे में लेता है। कभी सुकेश ने एम करुणानिधि का पोता बनकर लोगों को ठगा तो कभी कर्नाटक के पूर्व मंत्री करुणाकर रेड्डी का सहयोगी बनकर, यहां तक कि बीएस येदियुरप्पा का सचिव होने का नाटक कर भी धोखेबाजी के केस हैं।