पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस वक्त राजनीतिक संकटों से जूझ रहे हैं। उनकी कुर्सी खतरे में है और कुछ ही घंटे बाद नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होने जा रही है। इमरान ने शनिवार को पाकिस्तान के युवाओं से अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की अपील की। इमरान खान इस हालात के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
उनका कहना है कि ‘विदेशी शक्तियां’ उनकी सरकार गिराने की साजिश रच रही है। गुरुवार को अपने संबोधन के बाद से खान कई बार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका का नाम ले चुके हैं। शनिवार को उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे सत्ता से बाहर निकालने के लिए अमेरिका ने घरेलू राजनीति में घुसपैठ कर रहा है। इमरान यहीं नहीं रुके, विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि विदेशी साजिशकर्ता ‘भेड़-बकरियों’ की तरह पाकिस्तानी राजनेताओं का सौदा कर रहे हैं।
अमेरिका पर निशाना साध रहे इमरान खान : पाकिस्तानी राजनेता सिर्फ डेढ़-दो करोड़ में ही बिक गए। गुरुवार को इमरान खान ने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को ‘धमकी भरा पत्र’ भेजा था। हालांकि इसके तुरंत बाद उन्होंने कहा, ‘मैं किसी मुल्क का नाम नहीं लूंगा… किसी बाहरी मुल्क ने पाकिस्तान को धमकी भरा पत्र भेजा था।’ अमेरिका के मामले पर इमरान खान और पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल बाजवा के रास्ते अलग-अलग हैं।
चीन और अमेरिका से संबंध मजबूत करना चाहते हैं बाजवा : एक तरफ खान वॉशिंगटन पर आरोप पर आरोप लगा रहे हैं तो वहीं बाजवा अमेरिका-पाकिस्तान के संबंधों की दुहाई दे रहे हैं। इस्लामाबाद सुरक्षा वार्ता में बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ ‘पुराने और मजबूत’ रणनीतिक संबंध साझा करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को चीन और अमेरिका, दोनों के साथ अपने संबंधों को मजबूत और विस्तृत करना चाहिए। रूस-यूक्रेन जंग पर जनरल बाजवा ने यूक्रेन के प्रति पाकिस्तान का समर्थन व्यक्त किया जबकि इमरान सरकार ने अभी तक ऐसा करने से परहेज किया है।
क्या इमरान खान बनाएंगे नया इतिहास? : अमेरिका को लेकर इमरान और बाजवा के मतभेद सामने आने के बाद पाकिस्तान सरकार और सेना के बीच दरार खुलकर सामने आ गई है। रविवार को अविश्वास प्रस्ताव से पहले इस हफ्ते खान और बाजवा की दो बार मुलाकात हुई है। इमरान खान को सरकार में बने रहने के लिए नेशनल असेंबली में 172 वोटों की जरूरत है। जबकि पाकिस्तान न्यूज वेबसाइट जियो टीवी के अनुसार खान के पास 142 और विपक्ष के पास 199 सांसदों का समर्थन है जिसके आधार पर विपक्ष इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर रहा है।
अभी तक पाकिस्तान के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। साथ ही किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के चलते सत्ता से बेदखल नहीं होना पड़ा है। इमरान खान इसका सामना करने वाले तीसरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हैं।
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