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November 21, 2024
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आंखों पर कोलेस्‍ट्रॉल जमा होने से भद्दा दिखने लगता चेहरा, 5 तरीके आजमाने से मिलेगा छुटकारा

कई लोगों की आंखों के आस-पास के एरिया वाली स्किन पर कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) दिखता है। कुछ लोग इसे एलर्जी मानते हैं और मिटाने के लिए तमाम तरह की क्रीमों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जानकारी के लिए आपको बता दें कि ये कोई स्किन इंफेक्शन नहीं है जो किसी क्रीम या घरेलू नुस्खा आजमाने से आसानी से मिट जाएगा। दरअसल आंखों के आसपास ऐसे दाने शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के कारण दिखते हैं। मेडिकल भाषा में इन्हें जैंथेलाज्मा (xanthelasma) कहा जाता है। यहां हम आपको इस समस्या से छुटकारा पाने के 5 मॉडर्न तरीके बता रहे हैं जिन्हें आप आजमा सकते हैं।
​फ्रीज थेरेपी :
मौजूदा दौर में कई लोग जैंथेलाज्मा को हटाने के लिए कायरोथेरेपी (cryotherapy) को रिमूव करवाते हैं। इस ट्रीटमेंट में आंखों के नीचे जमे कोलेस्ट्रॉल को फ्रीज करके हटाया जाता है। फ्रीज थेरेपी स्किन के दाग-धब्बों को रिमूव करने का मॉडर्न तरीका है, जो काफी सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, इसे कराने से पहले किसी एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें। क्योंकि तमाम दफा फ्री थेरेपी के बाद हाइपोपिग्मेंटेशन के चलते स्किन के कलर में बदलाव आ सकता है।
​लेजर तकनीकि : आंखों के नीचे जमा कोलेस्ट्रॉल से वैसे तो दर्द या खुजली जैसी कोई समस्या नहीं होता और न ही ये आपकी स्किन को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, जैंथेलाज्मा हार्ट अटैक यानी दिल के दौरे का संकेत हो सकता है। इन्हें रिमूव करने के लिए आप लेजर तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
लेजर के जरिए ये कोलेस्ट्रॉल रिमूव हो जाता है। और फिर इस जगह पर कुछ दिनों में नई स्किन आने लगती है। बेहतर होगा सबसे पहले आप अपनी स्किन के नेचर को समझें फिर तकनीकि का प्रयोग करें। वैसे आजकल लेजर ट्रीटमेंट पार्लर में आसानी से उपलब्ध है लेकिन इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
सर्जरी : अगर आपकी आंखों के नीच काफी लंबे वक्त से ये कोलेस्ट्रॉल है स्किन काफी मोटी हो चुकी है तो लेजर तकनीकि से शायद न भी हटें। ऐसे में आप सर्जरी का विकल्प चुन सकते हैं। लेकिन कुछ लोग बताते हैं सर्जरी के बाद ये पपड़ीदार त्वचा तो हट जाती है लेकिन आंखों के नीचे काले घेरे दिखने लगते हैं।
क्योंकि कई बार हील होते समय स्किन के टिशूज गलत तरीके से जुड़ जाते हैं जिससे पलकों का शेप बिगड़ सकता है। सर्जरी अच्छा विकल्प है लेकिन इसका मगर इसका फैसला किसी अच्छे डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लेने के बाद ही करें।
​केमिलक पील्स : जैंथेलाज्मा को रिमूव कराने के लिए अगर आप लेजर और सर्जरी नहीं कराना चाहते हैं कैमिकल पील्स का ऑप्शन चुन सकते हैं। इससे भी इस जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को हटाया जा सकता है। इस तकनीकि में जैंथेलाज्मा को ट्राईक्लोरोएटिक एसिड (trichloroacetic acid) की मदद से रिमूव किया जाता है।
हालांकि, ये ट्रीटमेंट हर किसी को सूट नहीं करता है, खासकर उन्हें जिनकी स्किन बहुत सेंसिटिव होती है। चूंकि इसमें केमिकल का प्रयोग होता है और कुछ लोगों की स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है। यही वजह है कि इस ट्रीटमेंट पर कम लोग ही भरोसा करते हैं।
​इलेक्ट्रिक नीडल : इलेक्ट्रिक नीडल भी आंखों को नीचे के जमे हुए कोलेस्ट्रॉल रिमूव करने की एक मॉर्डन टेक्नीक है। इस ट्रीटमेंट को इलेक्ट्रोडेसिकेशन (electrodesiccation) भी कहते हैं। इस ट्रीटमेंट में डॉक्टर्स गर्म सुई का प्रयोग कर स्किन के पैचेज को रिमूव करते हैं। इसमें त्वचा को जलाकर पलकों पर जमे हुए अतिरिक्त हिस्से को निकाल देते हैं। इलेक्ट्रिक नीडल ट्रीटमेंट के बाद जल्द ही वहां नई स्किन आ जाती है। मगर इस ट्रीटमेंट से बहुत गहराई तक जमा कोलेस्ट्रॉल को नहीं हटाया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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