अफगानिस्तान की व्यवस्था अब तालिबान के हाथ में है। देश में शरिया कानून का राज है और लोगों पर हथियारबंद लड़ाकों की हुकूमत चल रही है। काबुल पर कब्जे के बाद सोशल मीडिया पर आए वीडियो में देखा गया था कि तालिबानी लड़ाके गवर्नर हाउस से लेकर अहम संस्थानों में घुस गए थे। ये लड़ाके अब एके-47 जैसे घातक हथियार लेकर अफगानिस्तान की संसद पर भी कब्जा कर चुके हैं। वही संसद जिसके निर्माण में भारत ने पानी की तरह पैसा बहाया था।
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में हथियारबंद तालिबानी लड़ाकों को संसद के भीतर बैठे देखा जा सकता है। ये लड़ाके स्पीकर और सांसदों की कुर्सियों पर आराम फरमा रहे हैं। गौरतलब है कि अफगानिस्तान की इस संसद का निर्माण भारत ने कराया था। विदेशी और रक्षा मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, ‘तालिबानी आतंकी अफगानिस्तान की संसद के भीतर मौज-मस्ती कर रहे हैं।’
130 मिलियन डॉलर की लागत से बनी संसद : उन्होंने लिखा, ‘यह वही संसद है जिसे भारत ने उपहार के तौर पर 130 मिलियन डॉलर की लागत से बनवाया था। इस संसद भवन का उद्घाटन मोदी ने किया था जिसका विशालकाय गुंबद तांबे का बना है। इसके निर्माण में राजस्थान से लाए गए संगमरमर का इस्तेमाल किया गया था।’ ट्विटर पर इस वीडियो को हबीब खान नाम के एक पत्रकार ने शेयर किया है जिसके कमेंट सेक्शन में लोग नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
अफगानिस्तान में लागू तालिबान के नियम : अफगानिस्तान में तालिबान की इस्लामिक अमीरात सरकार ने जंगल काटने और लकड़ी बेचने पर पर प्रतिबंध लगा दिया है। तालिबान के शीर्ष प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि इस्लामिक अमीरात की कार्यकारी सरकार ने लकड़ी के व्यापार को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कानून तोड़ते हुए पकड़ा जाएगा तो उसे सख्त सजा दी जाएगी। जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट किया कि जंगलों को काटना, बेचना और लकड़ी का परिवहन करना सख्त वर्जित है। सुरक्षा एजेंसियों और प्रांतीय अधिकारियों को इसे रोकना चाहिए।