पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान में भारतीय गेहूं और दवाओं को पहुंचाने के तौर-तरीकों को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है क्योंकि इस्लामाबाद ने पारगमन सुविधा प्रदान करने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने इस बात पर जोर दिया है कि 50 हजार टन गेहूं और दवाओं की खेप वाघा बॉर्डर से अफगानिस्तान तक पाकिस्तानी ट्रकों के जरिए पहुंचाई जाए, जबकि भारत ने स्वयं के परिवहन का उपयोग करने की वकालत की है।
सूत्रों ने कहा कि भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसकी ओर से भेजे जाने वाली सहायता सीधे तौर पर लाभार्थियों तक पहुंचे और एक विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के माध्यम से राहत सामग्री का वितरण किया जाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने पारगमन सुविधा की अनुमति देने के लिए कई शर्तें रखी हैं। यह पता चला है कि राहत सामग्री की ढुलाई उन कई मुद्दों में से एक है, जिसका दोनों पक्ष समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
बीते दिनों खबर सामने आई थी कि पाकिस्तान सरकार ने भारत के गेहूं को अफगानिस्तान भेजने के लिए अपने रास्तों को खोल दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्रालयों को सहायता करने का निर्देश दिया था लेकिन ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी मदद भेजने की प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया गया है और पाकिस्तान ने इसमें अपनी ओर से शर्तें रखी हैं, जिससे काम रुका हुआ है।
भारत ने की थी मदद की पेशकश : पिछले महीने अफगानिस्तान को लेकर रूस में आयोजित हुए मॉस्को फॉर्मेट के दौरान भारत ने तालिबान के नेताओं से मुलाकात की थी। इसमें भारत ने अफगानिस्तान को तत्काल मानवीय मदद देने की पेशकश की थी। जिसके बाद तालिबान ने पाकिस्तान सरकार से भारतीय गेहूं के निर्यात को मंजूरी दे दी।