पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद ने चेतावनी दी है कि यदि एक कैदी को हिरासत केंद्र से शीर्ष न्यायालय में पेश नहीं किया जाता है तो प्रधानमंत्री इमरान खान को तलब किया जाएगा। मीडिया में मंगलवार को आई खबरों में यह बताया गया है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश अहमद की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अफगानिस्तान सीमा के नजदीक एक सैन्य शिविर पर हमले के आरोपी आरिफ गुल की हिरासत के खिलाफ एक मामले की सुनवाई के दौरान यह कहा।
कोर्ट ने पूछा- आरोपी को लाए हैं? : पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यदि गुल को हिरासत केंद्र से न्यायालय के समक्ष पेश नहीं किया गया तो वह (शीर्ष न्यायालय) प्रधानमंत्री को तलब करेगा। प्रधान न्यायाधीश ने जब अतिरिक्त महान्यायवादी (अटार्नी जनरल) से सवाल किया कि क्या वे आरोपी को लाए हैं, तब उन्होंने (अतिरिक्त महान्यायवादी ने) जवाब दिया, ‘आरिफ गुल हिरासत केंद्र में है और उसे लाना मुश्किल है।’
‘अदालतों पर लगा दीजिए ताला’ : इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘यदि उसे नहीं पेश किया जाता है तो अदालतों को सील कर दीजिए। अदालत के पास नेतृत्व को तलब करने की भी शक्ति है।’ उन्होंने कहा, ‘गुल की नागरिकता के मुद्दे का हल क्यों नहीं किया गया है? यह विषय 2019 से जांच के तहत है।’ पीठ में शामिल न्यायाधीश जमाल मंडोखेल ने कहा, ‘आरिफ गुल को जिस कानून के तहत हिरासत केंद्र में रखा गया है क्या वह वैध है?’
उन्होंने कहा कि एफएटीए का अब खैबर पख्तूनख्वा में विलय कर दिया गया है। खैबर पख्तूनख्वा के महाधिवक्ता ने कहा कि आरोपी को सोमवार को पेश नहीं किया जा सकता। इसके बाद, न्यायालय ने मंगलवार के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।