फाइनल में भले ही अंशु मलिक को हार का सामना करना पड़ा हो बावजूद इसके भारत की इस बेटी ने कमाल कर दिया। वह विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं हैं। नार्वे में जारी इस प्रतियोगिता में 20 वर्षीय अंशु को ओलिंपिक और वर्ल्ड चैंपियन हेलेन मरॉलिस ने चित किया। 57 किलोग्राम भारवर्ग के खिताबी मुकाबले में वह जूनियर यूरोपीय चैंपियन सोलोमिया विंक को हराकर पहुंचीं थीं।
…तो भारत को मिलता दूसरा गोल्ड : अगर अंशु फाइनल जीत जाती तो वह यह कारनामा करने वाली पहली महिला और दूसरी भारतीय होती। इससे पहले भारतीय पहलवान सुशील कुमार ही इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में गोल्ड जीतने में सफल रहे हैं। सुशील ने साल 2010 में भारत को इकलौता गोल्ड दिलाया था।
सरिता मोर ने जीता ब्रॉन्ज मेडल : 59 किग्रा भारवर्ग में सरिता ने स्वीडन की सारा योहाना लिंडबर्ग को 8-2 से हराकर विश्व चैंपियनशिप में पदक के सूखे को खत्म किया। सरिता ने स्वीडन की खिलाड़ी के खिलाफ अच्छी शुरुआत करते हुए चार अंक जुटाए और फिर टेकडाउन के साथ दो और अंक हासिल किए। गत एशियाई चैंपियन सरिता पहले पीरियड के बाद 6-0 से आगे थी। उन्होंने दूसरे पीरियड की शुरुआत में बढ़त 8-0 की। अंतिम लम्हों में सरिता ने टेकडाउन से अंक गंवाए लेकिन पर्याप्त बढ़त के कारण आसान जीत दर्ज करने में सफल रही। सरिता का विश्व चैंपियनशिप में यह छठे प्रयास में पहला पदक है। इससे पहले वह एक बार अंडर 23 विश्व चैंपियनशिप और चार बार सीनियर विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने में नाकाम रही हैं।
भारतीय महिलाओं का बेस्ट प्रदर्शन : भारतीय महिला टीम का विश्व चैंपियनशिप में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत के लिए 2012 में फोगाट बहनों ने विश्व चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीते थे। अलका तोमर (2006), गीता फोगाट (2012), बबिता फोगाट (2012), पूजा ढांडा (2018) और विनेश फोगाट (2019) विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं। दिव्या काकरान (72 किग्रा) को सुबह के सत्र में अपने रेपेचेज मुकाबले में शिकस्त झेलनी पड़ी। उन्हें मंगोलिया की दवानासन एंख अमर ने हराया। ग्रीको रोमन पहलवानों ने एक बार फिर निराशाजनक प्रदर्शन किया जो हैरानी भरा नहीं है। संदीप (55 किग्रा), विकास (72 किग्रा), साजन (77 किग्रा) और हरप्रीत सिंह (82 किग्रा) प्रतियोगिता से बाहर हो गए। सिर्फ साजन एक मुकाबला जीतने में सफल रहे जबकि अन्य तीन पहलवान अपना पहला मुकाबला ही हार गए।