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November 22, 2024
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रूस- बेलारूस सीमा पर जमा किए टैंक और खून, यूक्रेन पर जोरदार आक्रमण की तैयारी में पुतिन,

यूक्रेन पर जोरदार आक्रमण की तैयारी में पुतिन, रूस- बेलारूस सीमा पर जमा किए टैंक और खून

रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन यूक्रेन के दो इलाकों में सेना भेजने के बाद एक और बड़े हमले (Russia Troop In Belarus) की तैयारी कर रहे हैं। ताजा सैटलाइट तस्‍वीरों से पता चला है कि रूस ने अपनी यूक्रेन से लगती सीमा से कुछ दूरी पर और बेलारूस में घातक टैंक, तोपें और अन्‍य हथियार और बड़ी संख्‍या में सैनिकों को नए स्‍थानों पर भी जमा कर दिया है। यही नहीं जंग हुई तो बड़े पैमाने पर खून की जरूरत होगी और इसी को देखते हुए रूस ने सीमा पर एक फील्‍ड अस्‍पताल भी स्‍थापित कर दिया है।
मैक्‍सर की इन तस्‍वीरों से पता यह भी पता चला है कि रूसी सेना के युद्धक समूहों (टैंक, हथियारबंद वाहन, तोपें और सपोर्ट उपकरण) के पैटर्न में बदलाव आया है। रूस ने अपनी सेना में यह बदलाव ऐसे समय पर किया है जब रूसी सेना ने बेलारूस में अपने सैन्‍य ड्रिल को रविवार को बढ़ा दिया था। इन तस्‍वीरों के बाद भी यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा है कि अभी तक रूस ने ‘यूक्रेन के चारों ओर हमला करने वाले समूह की तैनाती अभी नहीं की है।’ उन्‍होंने कहा कि यह अभी कहना अनुचित होगा कि आज या कल हमला होगा।
रूस की तीन शर्तों को यूक्रेन को मान लेना चाहिए: पुतिन : यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने कहा क‍ि इसका मतलब यह नहीं है क‍ि अभी कोई खतरा नहीं है। इस बीच यूक्रेन के रक्षा मंत्री के बयान के उलट अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उनका मानना है कि रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने पहले ही अपने आक्रमण का फैसला कर लिया है। उन्‍होंने कहा कि इसके बाद भी अभी कूटनीति के लिए जगह बची हुई है। सैटलाइट तस्‍वीरों में पिछले 24 घंटे में कई नए सैनिक पश्चिमी रूस पहुंचे हैं। साथ ही दक्षिणी बेलारूस में यूक्रेन के एक छोटे से एयरफील्‍ड पर 100 से ज्‍यादा वाहन पहुंचे हैं।
बेलारूस का यह एयरफील्‍ड यूक्रेन के उत्‍तरी सीमा से मात्र 40 क‍िमी की दूरी पर हैं। इससे पहले रूसी राष्‍ट्रपति ने यूक्रेन को अल्टीमेटम दिया था। व्‍लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस की तीन शर्तों को यूक्रेन को मान लेना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि इसी से दोनों देशों के बीच जारी तनाव को कम करने में मदद मिलेगी। इस बीच रूस की संसद के ऊपरी सदन ने मंगलवार को पुतिन के अनुरोध के बाद देश की सेना को विदेश में तैनात करने की अनुमति दे दी है। सीनेट के प्रस्ताव से पता चलता है कि प्राधिकरण पुतिन को अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों और मानदंडों के अनुसार विदेशों में रूसी सेना का उपयोग करने का अधिकार देता है।

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