मैनचेस्टर टेस्ट ड्रामे पर रवि शास्त्री का बड़ा बयान, बोले- मुझे बिल्कुल भी पछतावा नहीं है…
इंग्लैंड और भारत के बीच रोमांचक टेस्ट सीरीज का महामारी कोरोना वायरस की वजह से दुखद अंत हुआ। मैनचेस्टर में 5वां टेस्ट 10 सितंबर से होना था, लेकिन 24 घंटे तक चले ड्रामे के बाद मैच को रद्द घोषित कर दिया गया। टीम इंडिया 2-1 से सीरीज में आगे थी और 5वां टेस्ट भी जीतने के लिए फेवरिट थी। सीरीज कौन जीता? इसका फैसला फिलहाल इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल को करना है। इस पूरे कोविड-19 मामले के लिए टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री के किताब के विमोचन इवेंट को दोषी ठहराया जा रहा था।
फिलहाल इंग्लैंड में मौजूद रवि शास्त्री ने ‘द गार्जियन’ को दिए इंटरव्यू में हालांकि इससे साफ इनकार किया है। उन्होंने साथ ही कहा कि किताब के विमोचन इवेंट को लेकर उन्हें बिल्कुल भी पछतावा नहीं है। मैं उस इवेंट में शानदार लोगों से मिला और यह टीम के लिए भी अच्छा था कि वे रूम में बंद रहने की बजाय अलग-अलग लोगों से मिले। ओवल टेस्ट के दौरान तो 5 हजार से अधिक लोगों उपस्थिति थी तो आप किताब लॉन्च पर कैसे दोषी ठहरा सकते हैं।
जब टेस्ट रद्द होने में उनकी भूमिका के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा- नहीं, क्योंकि मैं तो उस समय लंदन में क्वारंटीन था। जब उनसे टीम की आरे से फोन पर पूछने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- नहीं, मुझे नहीं पता फैसला कैसे लिया गया। चूंकि फिजियो (योगेश परमार) 5-6 खिलाड़ियों का ट्रीटमेंट कर रहे थे तो वह पूरी टीम के टच में थे। जब वह भी पॉजिटिव हुए तो टीम खौफ में आ गई, क्योंकि दौरे पर खिलाड़ियों का परिवार भी साथ था।
उल्लेखनीय है कि रवि शास्त्री के बाद टीम इंडिया के सपॉर्ट स्टाफ के तीन सदस्य भी पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच रद्द हो गया। इसके बाद इंग्लैंड मीडिया के एक धड़े ने रवि शास्त्री पर बुक लॉन्च के कार्यक्रम का आयोजन करवाने पर निशाना साधा। यह कार्यक्रम 1 सितंबर को हुआ था।
शास्त्री के अलावा बोलिंग कोच भरत अरुण, फील्डिंग कोच आर. श्रीधर और फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर नितिन पटेल को चौथे टेस्ट से ही आइसोलेशन में भेज दिया गया था। लेकिन मैनचेस्टर टेस्ट से पहले सहायक फिजियो योगेश परमार भी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद मैनचेस्टर टेस्ट रद्द कर दिया गया।