अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) ने बॉलिवुड में कई ब्लॉकबस्टर गाने गाए, लेकिन किसी को भी यह समझ नहीं आया कि आखिर उन्होंने हिंदी गाने छोड़कर भक्ति गीत और भजन क्यों गाने शुरू किए। अनुराधा ने अब इसकी वजह बताई है।
मशहूर सिंगर अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) ने हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री में उस वक्त अपने कदम जमाने शुरू कर दिए थे, जब लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) और आशा भोसले (Asha Bhosle) जैसी सिंगर्स का बोलबाला था। और वो सफलता के झंडे गाढ़ चुकी थीं। लेकिन उनके बीच भी अनुराधा पौडवाल अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में कामयाब रहीं। लेकिन किसी को भी यह समझ नहीं आया कि आखिर अनुराधा पौडवाल ने हिंदी गानों को छोड़कर भक्ति गीत और भजन क्यों गाने शुरू कर दिए?
इसका खुलासा उन्होंने हाल ही ‘द कपिल शर्मा शो’ (The Kapil Sharma Show) में किया। इस रविवार (19 सितंबर) को कपिल के शो में अनुराधा पौडवाल के अलावा सिंगर्स उदित नारायण (Udit Narayan) और कुमार सानू (Kumar Sanu) भी पहुंचे। शो में जब कपिल शर्मा ने अनुराधा पौडवाल से पूछा कि उन्होंने बॉलिवुड में इतने अच्छे गाने गाए तो फिर इंडस्ट्री छोड़ भजन क्यों गाने लगीं?
वह बोलीं, ‘फिल्म इंडस्ट्री में हमेशा डायरेक्टर्स, प्रड्यूसर्स या किसी फिल्म के हिट होने पे या हीरो-हिरोइन, उनके मूड पर गाने मिलते हैं। तो थोड़ा सा मुझे वो इनसिक्योर लग रहा था। और भक्ति-भजन मुझे हमेशा से अच्छा लगता था। इसलिए मैंने बॉलिवुड छोड़कर भजन, भक्ति गीत गाने शुरू कर दिए। क्योंकि भक्ति-भजन में हमारे पास बहुत सारा मटीरियल है। जो आप डेडिकेशन के साथ नहीं करो तो इतना समय नहीं दे पाते। मेरे हिसाब से पॉप्युलैरिटी का पीक जिस वक्त था, ‘आशिकी’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ये सब फिल्में हिट हुईं। उसके बाद मैं भक्ति संगीत की ओर मुड़ गई।’
70 के दशक में सिंगिंग करियर शुरू करने वालीं अनुराधा पौडवाल बेस्ट प्लेबैक सिंगर का नैशनल अवॉर्ड तक जीत चुकी हैं। उन्होंने ‘धक धक करने लगा’, ‘कह दो कि तुम’, ‘नजर के सामने’ और ‘बहुत प्यार करते हैं’ जैसे कई ब्लॉकबस्टर गाने गाए। उन्होंने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत 1973 में आई फिल्म ‘अभिमान’ से की थी, लेकिन बड़ा ब्रेक सुभाष घई की फिल्म ‘कालीचरन’ से मिला था।