भोपाल। न्यूज अटल प्रदेश।पूर्व खेल संचालक आईबी प्रमुख मध्य प्रदेश डी आइ जी भोपाल और केंद्र में रहे सुरक्षा अधिकारी आई पी एस यशोवर्धन आजाद देश को गौरान्वित करने वाले परिवार के सदस्य यशोवर्धन आजाद का हाकी के गिरते स्तर पर दर्द छलका । एक दिन के प्रवास पर भोपाल आए पूर्व खेल संचालक ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा जिस भोपाल ने देश को कई ओलंपिक और अंतरराषट्रीय खिलाड़ी दिए हैं आज उस नर्सरी में पानी देने वाला कोई नही है।
हाकी की अजीम ओ शान हस्तियां इस दुनिया को अलविदा कह गई उनकी खेर खबर लेने वाले किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई यह चिंता का विषय है। यह गौर करने लायक है कि करोना काल के दौरान निसार उल्लाह खान सलीम अब्बासी जावेद हबीब के अलावा आई रहमान मुमताज़ मालिक और कई महशूर हस्तियां है जिन्होंने भोपाल हाकी को सजाया सवारा था। आज यह लोग दुनिया में नहीं है।
एक दौर था जब भोपाल के खिलाड़ी देश विदेश में नजीर हुआ करते थे।बहुत तकलीफ़ हुई उनका बेहद खमोशी के साथ दुनिया से रुखसत हो जाना बड़े दुख की बात है साथ ही आज हाकी का चयन किस तरह से हो रहा है ये सवालिया निशान है।
जब तक हम क्लब कल्चर से ग्रास रूट पर प्लान नहीं करते हमारी पोजिशन तीन चार के आसपास रहेगी।तकनीकी तौर पर खेलो में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। हम अपनी शैली में नहीं खेल पाते है। प्रदेश में हाकी अकादमीया संचालित है उनमें कुछ खिलाड़ी है और कुछ चयनित होते है लेकिन क्लब कल्चर नहीं होने की वजह से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर नहीं मिल रहा। हमारे वक़्त खेल विभाग का बजट पांच करोड़ था हमने ग्राम ग्राम खेल कराए और प्रतिभाओं को तराशा । पूर्व खेल संचालक यशोवर्धन आजाद साहब ने मौजूदा समय में खासकर क्रिकेट में सौदेबाजी में खिलाड़ियों की संलिप्तता पर अपना दुख जाहिर किया।
जुआ सट्टे को लेकर आजाद साहब ने कहा हमारा थिंक टेक इसको देख रहा है डिजिटल सपोर्ट इसको आधा खा चुका है।मुझे खुशी होती है जब आवेश खान, उमरान मालिक, बुमराह 140 से 150 की गति से गेंद फेक रहे है। विराट कोहली बाबर आजम ये सब नेचुरल खिलाड़ी है। कलाकार खिलाड़ी सब ऐसे गंदे एड कर रहे है जिसे देखकर दुख होता है गुटका पान मसाला आदि हाल ही में अक्षय ने माफी भी मांगी है एड को लेकर। सोशल मीडिया को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा इसका खेलो पर बहुत असर पड़ा है। हर बच्चा मोबाइल पर गेम खेल रहा है।स्कूल में मैदान नहीं , बच्चे जाए तो अब कहा जाए ।अकादमीया चल रही है बच्चे उसी मे जाते हैं नेचरल टैलेंट है ही नहीं क्लब कल्चर है नहीं फिर भी कोच कहता एसे बॉलिंग करो।
इतनी बड़ी आबादी वाले देश में हम दो चार मेडल जीत पाते हैं और दूसरे देश हमसे आगे है। आगे बात करते हुए यशोवर्धन आज़ाद ने कहा कि तीन चीजों की जरूरत है टैलेंट ताकत अनुशासन । हम शतरंज मेंआगे है हम पढ़ाई में आगे है, आई टी में बहुत आगे है।कोई भी भारतीय मूल का यादि किसी दूसरे देश में सफलता अर्जित करता है तो आप बहुत सम्मान देते है और वो ही देश में कीर्तिमान स्थपित करता है तो कोई अहमियत नहीं दी जाती हैं।
गौरतलब हो कि आप ऐसी हस्ती है जिन्होन खेलो की तरक्की में अपना अहम योगदान दिया है । उस वक़्त आपने खेल संचालक का पद संभाला था खेलो में प्रदेश का रिकार्ड ज्यादा अच्छा नही हुआ करता था और खिलाड़ियों को नाममात्र की सुविधाएं मिला करती थी।अपने खिलाड़ियों के लिए ट्रेक सूट और उनको मिलने वाले भत्ते में बहुत बड़ा इजाफा किया। टी टी नगर स्टेडियम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई खेल परिवार से तालुक रखने वाले यशोवर्धन आजाद साहब के भाई कीर्ति आजाद 1987 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।