ब्रिटेन और चीन में उइगर अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों को लेकर विवाद एक बार फिर गहराता नजर आ रहा है। ब्रिटिश संसद ने लंदन में तैनात चीन के सांसद को सर्वदलीय संसदीय समिति की बैठक में शामिल होने पर प्रतिबंधित कर दिया है। जिसके बाद गुस्साए चीन ने इसे कायराना कदम बताया है। बताया जा रहा है कि चीन के शिनजियांग में उइगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर टिप्पणी के लिए कुछ ब्रिटिश सांसदों पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर ब्रिटेन ने चीनी राजदूत झेंग जेगुआंग को ब्रिटिश संसद से प्रतिबंधित कर दिया है।
जेगुआंग को हाल ही में चीन संबंधी सर्वदलीय संसदीय समूह (एपीपीजी द्वारा आयोजित एक बैठक में भाग लेना था। लेकिन संसद के प्रतिबंधित सदस्यों और हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष लिंडसे हॉयल के एक पत्र के बाद इसे रद्द कर दिया गया। सांसदों ने अपने पत्र में दलील दी कि चीनी सरकार ने अब तक प्रतिबंधों को हटाने का कोई प्रयास नहीं किया है जो लोगों का अपराधीकरण करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी आजादी को सीमित करने का एक औजार है। उन्होंने कहा कि वास्तव में, चीनी सरकार ने प्रतिबंधों को कानूनी बल देने के लिए कदम उठाए हैं।
चीनी राजदूत पर प्रतिबंध स्थायी नहीं : यह समझा जाता है कि चीनी राजदूत पर प्रतिबंध स्थायी नहीं है। हाउस ऑफ लॉर्ड्स के अध्यक्ष जॉन मैकफॉल ने इस फैसले का समर्थन किया है। लॉर्ड मैकफॉल ने एक बयान में कहा कि दोनों सदनों के अध्यक्ष इस बात से सहमत हैं कि चीन संबंधी सर्वदलीय संसदीय समूह की बैठक लॉर्ड्स के दो सदस्यों सहित विभिन्न सदस्यों के खिलाफ मौजूदा प्रतिबंधों को देखते हुए कहीं और होनी चाहिए।
65 हजार टन वजनी यह एयरक्राफ्ट कैरियर 280 मीटर लंबा है। यह एयरक्राफ्ट कैरियर इतना भारी होते हुए भी 59 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल सकता है। एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ पर 1600 नौसैनिकों को तैनात किया जा सकता है, जिसमें 250 कमांडो शामिल हैं। इसमें बीई का S1850M लॉन्ग रेंज रडार लगा हुआ है, जो 400 किलोमीटर की दूरी से ही दुश्मनों के जहाजों का पता लगा सकता है। इसमें मीडियम रेंज के लिए Type 997 Artisan radar लगा हुआ है, जो 200 किलोमीटर की दूरी तक एक बार में 900 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है। इतना ही नहीं, यह 3डी रडार 3 मैक की स्पीड से उड़ने वाले चिड़िया या टेनिस बॉल के आकार के लक्ष्य को भी पहचान सकता है।
इस एयरक्राफ्ट कैरियर के स्ट्राइक ग्रुप में दो टाइप 45 श्रेणी के डिस्ट्रॉयर, दो टाइप 23 फिग्रेट, दो टैंकर और हेलिकॉप्टर्स का बेड़ा शामिल है। माना जा रहा है कि इसके चीन के नजदीक युद्धाभ्यास करने से दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा सकता है। वहीं, चर्चा है कि इस युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा को भी आमंत्रित किया जा सकता है। इन दोनों देशों से भी चीन के संबंध निचले स्तर पर हैं। ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक रॉब ने कहा कि इस स्ट्राइक ग्रुप की तैनाती भारत और इंडो पैसिफिक में सहयोगियों के साथ रक्षा संबंध के एक नए युग की शुरुआत है। ब्रिटेन ने कहा कि एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ की तैनाती भारत के साथ और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गहरे राजनयिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधों के लिए देश की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है।
ब्रिटेन और चीन के बीच हॉन्ग कॉन्ग को लेकर सबसे ज्यादा तनाव है। हॉन्ग कॉन्ग पहले ब्रिटेन की कॉलोनी थी। बाद में ब्रिटेन ने इसे शर्तों के साथ एक निश्चित समय के लिए चीन को सौंप दिया था। चीन ने इन शर्तों का उल्लंघन करते हुए चीन के सभी कानून जबरदस्ती हॉन्ग कॉन्ग पर डाल दिए। जिसके जवाब में ब्रिटेन ने यहां से भी निवासियों को अपने देश की नागरिकता देने का ऐलान किया हुआ है। इसके अलावा उइगुरों के मानवाधिकारों का दमन, दक्षिण चीन सागर में दादागिरी, ताइवान पर कब्जे की कोशिश जैसे मुद्दों को लेकर भी ब्रिटेन और चीन में तनाव चरम पर हैं।
चीन बोला- यह संकीर्ण मानसिकता : संसद से राजदूत को प्रतिबंधित करने के कदम पर टिप्पणी करते हुए चीनी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन की संसद का निर्णय ब्रिटेन में कुछ लोगों की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। यह एक अदूरदर्शी, लापरवाह और कायरतापूर्ण कदम है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।