ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास, नंबर-10 के नेटवर्क से जुड़े एक डिवाइस में बेहद ताकतवर स्पाईवेयर मिला है, जिसका संबंध संयुक्त अरब अमीरात के एक ऑपरेटर से है। इस स्पाईवेयर की मदद से मैसेज, फोटो और फोन कॉल्स की 24 घंटे निगरानी की जा सकती है। ब्रिटेन की साइबर सुरक्षा में यह बड़ी चूक 7 जुलाई 2020 को हुई थी। शोधकर्ताओं के अनुसार इजरायल के पेगासस स्पाईवेयर ने जुलाई 2020 और पिछले साल जून के बीच कम से कम पांच मौकों पर विदेश कार्यालय से जुड़े मोबाइलों को भी निशाना बनाया।
डेलीमेल की खबर के अनुसार इनके ऑपरेटर यूएई, भारत, साइप्रस और जॉर्डन से जुड़े थे। न्यू यॉर्कर पत्रिका के लिए काम कर रहे एक खोजी पत्रकार ने नंबर-10 के एक डिवाइस पर साइबर हमले का खुलासा किया। रिपोर्ट के अनुसार डाउनिंग स्ट्रीट में पीएम बोरिस जॉनसन सहित कई लोगों का फोन हैक किया गया था। टोरंटो विश्वविद्यालय में सिटीजन लैब सेंटर के एक वरिष्ठ शोधकर्ता जॉन स्कॉट-रेल्टन ने कहा कि जब हमें नंबर-10 केस के बारे में पता चला तो मैं चौंक गया।
पेगासस को ब्रिटेन ने हल्के में लिया : उन्होंने दावा किया कि ब्रिटेन ने पेगासस के खतरे को हल्के में लिया था। एक अन्य वरिष्ठ शोधकर्ता बिल मार्कजाक ने कहा कि हमें शक है कि इसमें डेटा की चोरी शामिल है। पेगासस को इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप ने विकसित किया था। यह आईओएस या एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले अरबों फोन को हैक करने की क्षमता के लिए जाना जाता है।
जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जाता है पेगासस : खबर के अनुसार अगर पेगासस फोन में मौजूद है तो यह फोन पर आए या भेजे गए किसी भी मैसेज को कॉपी कर सकता है, फोन कॉल को रिकॉर्ड कर सकता है, फोटो चोरी कर सकता है और यहां तक यूजर के कैमरे से उसे देख भी सकता है और माइक्रोफोन एक्टिवेट करके बातचीत भी रिकॉर्ड कर सकता है। इसका इस्तेमाल किसी की जासूसी के लिए किया जाता है जो बताता है कि व्यक्ति कहां है, वह कहां जा रहा है और किससे मिल रहा है।