दक्षिण अफ्रीका में भारतीय टीम मौजूदा टेस्ट सीरीज की आख़िरी पारी खेल रही है। कप्तान के साथ पुजारा नॉट आउट रहे हैं और तीसरे दिन की सुबह भारतीय पारी को संवारने का पूरा दारोमदार इन दोनों पर ही निर्भर रहेगा। भारतीय क्रिकेट प्रेमी इन दोनों से ऐतिहासिक पारियों की उम्मीद लगाए बैठे हैं, ताकि भारत अफ्रीका में पहली बार सीरीज जीत सके। पिछली 2 पारियों से पुजारा ने अच्छा खेल दिखाया है इसलिए इनसे बड़ी पारी की उम्मीद की जा सकती है। कप्तान लय में दिख रहे हैं और दबंगई से बड़ी पारी खेल गए तो भारतीय टीम निश्चित ही जीतने में कामयाब होगी। फिलहाल दूसरे दिन खेल समाप्ति पर भारत सलामी जोड़ी को गवा कर 57 रन बना चुका है व कुल 70 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर चुका है।
दूसरे दिन की यदि बात करूं तो पूरा दिन भारतीय गेंदबाज़ों के नाम रहा। जिस तरह बुमराह ने गेंदबाजी की अगुआई की, वह काबिले तारीफ रहा। SENA देशों में भारतीय तेज़ गेंदबाज यदि 5 विकेट लेता है तो ये हाल के दिनों में भारतीय टीम की तेज़ गेंदबाजी में आए निखार और पेनेपन को ही दर्शाता है।
एक समय ऐसा लग रहा था की अफ़्रीकी टीम बढ़त हासिल कर सकती है क्योंकि महत्त्वपूर्ण मौकों पर भारतीय टीम कैच छोड़ चुकी थी और उमेश यादव विकेट लेकर भी मंहगे साबित हो रहे थे। लेकिन बुमराह ने 72 रन बना चुके पीटरसन को जब आऊट किया तो भारतीय टीम ने टेस्ट में मज़बूत वापसी कर ली थी। बावुमा और केशव महाराज ने भी छोटी मगर उपयोगी पारी खेल कर भारत को ज्यादा बढ़त हासिल नहीं करने दी। टेलेंडर्स की मदद से अफ्रिका 200 के पार पहुंचने में सफल रहा। लेकीन अफ़्रीकी टीम लीड ले पाती उससे पहले ही कप्तान कोहली के शानदार फील्ड सेटअप में रबाडा उलझ कर आउट हो गए। दूसरे दिन के खेल समाप्ति तक भारतीय टीम 13 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करके तीसरे टेस्ट में मनोवैज्ञानिक रूप से आगे दिखाई दे रही है। गेंदबाजों ने कम स्कोर के बावजूद शानदार गेंदबाजी कर बढ़त दिलाई है अब पूरी जिम्मेदारी बल्लेबाज़ों पर है या यूं कहें कि जीत की इबारत लिखने के लिऐ कम से कम 300 रन स्कोर बोर्ड पर हों।
लेकिन में आश्चर्य में हूं कि रहाणे, मयांक, राहुल से ज्यादा रन अफ़्रीकी केशव महाराज ने बनाए हैं। उस पर भी जब चार गेंदबाज ही विकेट दिला रहे हैं और अश्विन से ज्यादा गेंदबाजी भी नहीं कराई गई तो फिर असरहीन आश्विन की जगह श्रेयस को खिलाकर बेटिंग मजबूत क्यों नहीं की गई। उम्मीद है कि केपटाउन में अश्विन कमजोर कड़ी न बनकर मैच जिताऊ प्रदर्शन करने में सफल रहेंगे। लेकिन उनसे पहले तीसरे दिन फिलहाल केपटाउन बल्लेबाजों के हाथ में है इसलिए सारा दारोमदार, सारी उम्मीदें, अपेक्षा, आशाएं कप्तान की अगुआई में भारतीय बल्लेबाजों से हैं। सभी भारतीय क्रिकेट प्रेमी चाहेंगे कि दौरे की आखिरी टेस्ट पारी में कप्तान के बल्ले से शतकीय पारी निकल आए।