त्वचा को सुंदर बनाने के लिए और शरीर के तनाव को दूर करने के लिए अक्सर बॉडी मसाज के फायदों के बारे में बात की जाती है। क्योंकि त्वचा की मालिश करने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के तनाव से मुक्ति मिलती है। त्वचा का ग्लो बढ़ता है और स्किन स्कार्स फ्री बनती है।
मालिश करने के अनेक फायदे हैं। लेकिन फिर भी पीरियड्स के टाइम पर तेल मालिश करने के लिए मना किया जाता है। ऐसा आयुर्वेदिक चिकित्सा के तहत कहा जाता है। इसकी अपनी वजह है, जो पीरिड्स के दौरान शरीर में होने वाले बदलावों और कमजोरी से संबंधित हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, पीरियड्स के दौरान शरीर की जठराग्नि (शारीरिक ऊर्जा) धीमी होती है। ऐसे में शरीर पर तेल लगाना इस अग्नि के और अधिक मंद हो जाने की वजह बन सकता है। क्योंकि तेल मालिश का अतिरिक्त दबाव शरीर पर होगा। यानी आपको मालिश से ऊर्जा मिलने की जगह शरीर में कमजोरी का अहसास हो सकता है। या फिर पेट संबंधी समस्या हो सकती है। इसलिए आप पूरे महीने तेल मालिश का आनंद लें और शरीर के साथ त्वचा को भी सुंदर बनाएं। लेकिन पीरियड्स के दौरान इससे बचें। हालांकि पूरे महीने तेल मालिश करने से आपकी मसल्स खुद में इतनी मजबूत हो जाएंगी कि आपको पीरिड्स पेन का अहसास कम होगा।
आयुर्वेद में तेज बुखार के दौरान भी तेल मालिश करने के लिए मना किया जाता है। इसका कारण यह है कि बुखार यानी ज्वर के दौरान शरीर में टॉक्सिन्स की अधिकता होती है। इस स्थिति को आयुर्वेद में ‘अमा’ फेज़ कहा जाता है। Periods Self Care Tips
कोल्ड और कफ के दौरान ना करें मालिश : डॉक्टर वारालक्ष्मी का कहना है कि कोल्ड और कफ के दौरान भी शरीर की तेल मालिश नहीं करनी चाहिए। क्योंकि कोल्ड और कफ के दौरान पहले से कंजेशन की समस्या होती है। ऐसे में अभयांग यानी तेल मालिश करने से दिक्कत बढ़ सकती है।
जबकि पीरियड्स के बारे में तेल मालिश ना करने की सलाह देते हुए ये अपनी पोस्ट में लिखती हैं कि पीरियड्स के दौरान तेल मालिश करने से आपकी पाचकाग्नि मंद हो सकती है। यानी डायजेस्टिव सिस्टम और अधिक धीमा हो सकता है।
पीरियड्स में दर्द से राहत के लिए क्या करें : जिन तीन स्थितियों में तेल मालिश ना करने की सलाह आयुर्वेद में दी जाती है। इन सभी स्थितियों में शरीर में बहुत दर्द और कमजोरी का अनुभव होता है। ऐसे में पीरियड पेन से तुरंत राहत पाने के लिए तेल से मालिश करने की जगह शरीर की सिकाई कर सकती हैं।
गर्म पानी के बॉटल लेकर इससे सिकाई करें। पैरों में अधिक दर्द और बेचैनी हो तो आपको स्टार एनिस ऑइल (चक्रफूल का तेल) या फिर यूके लिपटिस ऑइल का उपयोग करना चाहिए। ये असेंशियल ऑइल बहुत लाइट होते हैं और इन्हें लगाने के बाद मालिश करने की जरूरत नहीं होती। बल्कि ये तुरंत त्वचा में समाकर दर्द से राहत देते हैं।
तेल मालिश का विकल्प : बुखार के दौरान हाथ-पैर को बहुत हल्के-हल्के प्रेशर के साथ दबाने से आराम मिलता है। जबकि कोल्ड और कफ के दौरान मुलेठी चूसने, अदरक की चाय पीने और सीने पर बाम लगाने से आराम मिलता है। कोल्ड और कफ में भाप लेना भी लाभाकरी होता है।