राजधानी मुंबई सहित महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में डेल्टा प्लस वेरिएंट की धमक बढ़ती जा रही है। राज्य में डेल्टा प्लस मरीजों की संख्या अब 66 हो गई है। बुधवार को यह संख्या 65 थी। ठाणे जिले में एक और 50 वर्षीय महिला जीनॉम सिक्वेंसिंग में डेल्टा प्लस से संक्रमित पाए जाने से राज्य में डेल्टा प्लस मरीजों की संख्या 66 हो गई है। इनमें से अभी तक 5 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है।
बता दें कि मुंबई में डेल्टा प्लस वेरिएंट से ग्रसित पूर्वी उपनगर की 60 वर्ष से अधिक उम्र की बुजुर्ग महिला की मौत की खबर गुरुवार को मिली थी। शुक्रवार को रायगड, बीड और रायगड जिले में डेल्टा प्लस से और तीन मरीजों की मौत की पुष्टि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने की है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में डेल्टा प्लस से अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वाले सभी 5 मरीज 65 वर्ष के थे। इनमें से दो मरीजों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली थी।
10 ने लिए थे वैक्सीन के दोनों डोज : 66 मरीजों में डेल्टा प्लस की पुष्टि हुई है। इसमें से 32 पुरुष और 34 महिलाएं हैं। इसमें से 10 मरीजों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके और 8 लोगों ने वैक्सीन की एक खुराक ली है। 18 में से 2 ने कोवैक्सीन और बाकी ने कोविशील्ड की खुराक ली थी।
80% अधिक सैंपल डेल्टा वेरिएंट : स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में अब तक जितने भी सैंपल जीनोमिक सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं, उनमें से 80 फीसदी से अधिक नमूनों में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई है, जबकि 66 लोग डेल्टा प्लस से संक्रमित हुए हैं।
11 मरीजों के साथ मुंबई तीसरे स्थान पर : मुंबई से भेजे गए सैंपल में से 11 लोगों में डेल्टा प्लस की पुष्टि हुई है। सबसे अधिक मामले जलगांव में 13, रत्नागिरी में 12, ठाणे में 6, पुणे में 6, पालघर और रायगड प्रत्येक जिले में 3, नांदेड़, गोंदिया प्रत्येक जिले में 2, चंद्रपुर, अकोला, सिंधुदुर्ग, सांगली, नंदुरबार, औरंगाबाद, कोल्हापुर और बीड प्रत्येक जिले में एक मरीज मिले हैं।
सभी उम्र के लोगों में डेल्टा प्लस : 66 सैंपल में डेल्टा प्लस की पुष्टि हुई है, इसमें से 32 पुरुष और 34 स्त्री हैं। 33 डेल्टा प्लस के मरीज 19 से 45 उम्र के हैं। 46 से 60 वर्ष के 18 मरीज हैं। 18 वर्ष से कम 7 और 60 वर्ष से अधिक के 8 लोग है। उक्त आंकड़े बताते हैं कि सभी उम्र के लोग डेल्टा प्लस से संक्रमित हो रहे हैं।
टीका लगवाए लोगों से भी फैल सकता है डेल्टा’ : इस बीच नई स्टडी में डेल्टा वेरिएंट को लेकर अच्छी खबर नहीं है। यूएस और यूके के डेटा से पता लगता है कि डेल्टा से संक्रमित लोगों में वायरल लोड टीका न लगवाए लोगों जितना ही होता है। वायरल लोड से ही तय होता है कि व्यक्ति दूसरों को कितना ज्यादा संक्रमित कर सकता है।
इस बारे में medRxiv में छपी स्टडी बताती है कि डबल टीका लगवा चुके लोगों की नाक से लिए गए सैंपल में वायरल लोड उतना ही मिला जितना टीका न लगवाए लोगों के सैंपल में मिला। ऐसे में टीका लगवाए लोगों के लिए भी मास्क पहनना जरूरी हो जाता है क्योंकि उनसे फैला संक्रमण आसानी से दूसरों को बीमार कर सकता है।