अफगानिस्तान में बंदूक के दम पर सत्ता पर काबिज तालिबान ने आर्थिक प्रतिबंधों को लेकर दुनिया को धमकी दी है। अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कहा कि अफगान सरकार को कमजोर करना किसी के हित में नहीं है। मुत्ताकी ने धमकाने के लहजे में कहा कि अगर प्रतिबंधों को नहीं हटाया गया तो उसका सीधा असर वैश्विक सुरक्षा पर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन भी शुरू हो सकता है।
दोहा में विदेशी मुल्कों के प्रतिनिधियों से मिल रहा तालिबान : विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के नेतृत्व में इस्लामिक अमीरात का प्रतिनिधिमंडल कतर की राजधानी दोहा में दुनियाभर के देशों से मुलाकात रहा है। अमेरिका और यूरोपीय दूतों के साथ एक बैठक में तालिबानी नेताओं ने इस्लामिक अमीरात पर प्रतिबंध हटाने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि अफगानी बैंकों को सामान्य रूप से काम करने देने की अनुमति दी जाए।
तालिबान ने अफगानिस्तान के विकास का रोना रोया : मुत्ताकी ने कहा कि अफगानी सरकारी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान और अधूरे आर्थिक परियोजनाओं को फिर से शुरू करना हमारी प्राथमिकता है। स संबंध में हम दुनिया के देशों से मौजूदा प्रतिबंधों को समाप्त करने और बैंकों को सामान्य रूप से काम करने देने का आग्रह करते हैं। इससे चैरिटी समूह, संगठन और सरकार अपने कर्मचारियों को अपने स्वयं के भंडार और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता के साथ वेतन का भुगतान कर सकेंगे।
दुनिया की सुरक्षा पर नकारात्मक असर पड़ेगा? : इस्लामिक अमीरात के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है कि अमेरिकी और यूरोपीय दूतों के साथ बैठक में अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति, अन्य देशों के साथ संबंध, मौजूदा आर्थिक कठिनाइयों, मानवीय सहायता, अधूरी विकास परियोजनाओं को फिर से शुरू करने और मौजूदा प्रतिबंधों पर चर्चा की गई। इसी बैठक में मुत्ताकी ने कहा कि अफगान सरकार को कमजोर करना किसी के हित में नहीं है क्योंकि इसके नकारात्मक प्रभाव दुनिया की सुरक्षा पर पड़ेगा और और देश से पलायन को बढ़ाएगा।
अमेरिका और यूरोपीय दूतों से की मुलाकात : इस बीच, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि दोहा में इस्लामिक अमीरात के प्रतिनिधिमंडल के साथ एक बैठक हुई। इस बैठक में यूरोपीय संघ के अधिकारी भी मौजूद थे। बुधवार को कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने कहा कि अफगानिस्तान की संपत्ति को रिलीज करने का अभी कोई स्पष्ट रास्ता नहीं है।