विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का एक तकनीकी सलाहकार समूह भारत के स्वदेश निर्मित कोविड रोधी टीके को आपातकालीन उपयोग की सूची में शामिल करने के लिए मंगलवार को कोवैक्सीन के आंकड़ों की समीक्षा कर रहा था। पहले कहा गया कि अगर यह संतुष्ट होता है तो अगले 24 घंटों के भीतर किसी सिफारिश की उम्मीद है। हालांकि रात को विश्व स्वास्थ्य संगठन स्थिति स्पष्ट करते हुए भारत बायोटेक से कोवैक्सीन पर अतिरिक्त जानकारी मांगी है।
कोवैक्सीन का विकास करने वाली हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने टीके को आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल करने के लिए 19 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ को ईओआई प्रस्तुत की थी। डब्ल्यूएचओ के एक प्रवक्ता ने कहा था, ‘यदि समिति संतुष्ट होती है, तो हम अगले 24 घंटों के भीतर किसी सिफारिश की उम्मीद करते हैं।’ भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मंगलवार को कोविड-19 रोधी टीके की 51 लाख खुराक दिए जाने के साथ ही देश में अब तक 103 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
मंजूरी से पहले पूरी तरह मूल्यांकन जरूरी : भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। डब्लूएचओ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा था कि किसी भी वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी देने के फैसले के लिए उसका पूरी तरह से मूल्यांकन जरूरी होता है। इसकी सिफारिश करने की प्रक्रिया में कभी-कभी अधिक समय लग सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि विश्व को सही सलाह ही दी जाए, भले ही इसमें एक या दो सप्ताह अधिक लग जाएं।
आंकड़े मुहैया करा रहा भारत बायोटेक : डब्लूएचओ ने कहा था कि आपात स्थिति में उपयोग के लिए किसी उत्पाद की सिफारिश करने से पहले, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए इसका अच्छी तरह से मूल्यांकन करना होगा कि वह सुरक्षित एवं प्रभावी है। उसने यह भी कहा था कि ‘भारत बायोटेक’ नियमित आधार पर डब्ल्यूएचओ को आंकड़े मुहैया करा रहा है और डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने इन आंकड़ों की समीक्षा की है और उन्हें अतिरिक्त जानकारी मिलने की भी उम्मीद है।