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November 22, 2024
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केन्या में दिमागी मरीज ने चाकू से काटा अपना लिंग, ‘शादी की समस्याओं’ से था परेशान


केन्या में दिमागी रूप से बीमार 45 साल के एक शख्स ने किचन में इस्तेमाल होने वाले चाकू से अपना लिंग काट लिया। बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति काफी दिनों से दवाई लेना भी छोड़ा हुआ था। लिंग काटने वाला शख्स शादी की समस्याओं से परेशान था। परिवारवालों को इस घटना की जानकारी करीब 16 घंटे बाद हुई। जिसके बाद आनन-फानन में पीड़ित शख्स को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
सेक्स समस्याओं को लेकर परेशान था मरीज : इस व्यक्ति का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि उनके पास मरीज को घटना के 16 घंटे बाद लाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के लोग पीड़ित के कटे अंग को भी लेकर आए थे। डॉक्टरों ने बताया कि वह व्यक्ति अपने जीवनसाथी के साथ सेक्स समस्याओं को लेकर परेशान था। जिसके बाद दिमागी तौर पर बदहवास रहने वाले उस व्यक्ति ने अपने लिंग को काटने का फैसला किया।
मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई रिपोर्ट : यह पूरी घटना एक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित की गई है। हालांकि इसमें पीड़ित का नाम या उसका पता जैसी कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि पहले तो डॉक्टरों ने उसके लिंग के कटे हिस्से को जोड़ने का फैसला किया। लेकिन, कटे हुए अंग को काफी देर हो जाने और ठीक तरह से नहीं रखने के कारण उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा।
16 घंटे तक खुले में पड़ा था कटा हुआ अंग : डॉक्टरों ने बताया कि उसका कटा हुआ अंग करीब 16 घंटे तक खुले में पड़ा हुआ था। ऐसे में उसके संक्रमित होने की संभावना बहुत ज्यादा थी। अगर डॉक्टर जबरदस्ती उस अंग को जोड़ देते तो उससे पीड़ित के बाकी अंग संक्रमित हो सकते थे। ऐसे में अगर उसके मूत्रमार्ग को स्थायी नुकसान पहुंचता तो यूरोस्टॉमी बैग लगाना पड़ सकता था। खून की कमी या सेप्सिस के कारण मरीज की मौत तक हो सकती थी।
खून का बहना रोककर बचाई मरीज की जान : डॉक्टरों ने यह नहीं बताया कि मरीज के शरीर से कितना खून निकला था और न ही उसने खून बहना कैसे रोका। नजोरो में एगर्टन विश्वविद्यालय के सर्जनों ने यूरोलॉजी केस रिपोर्ट्स में लिखा कि मरीज काफी समय से अपनी दवा नहीं ले रहा था। डॉक्टर उसे ऑपरेशन थिएटर में लेकर गए। वहां उन्होंने उसके अंग को संक्रमण से बचाने के लिए साफ किया और खून का बहना रोका।
डॉक्टरी भाषा में फालसीसाइड दिया गया है नाम : जर्नल में बताया गया है कि इस तरह की चोटों के मामले दुर्लभ होते हैं। ऐसे कृत्य को अंजाम देने वाले मरीज आमतौर पर मानसिक परेशानी, मतिभ्रम या ड्रग एडिक्ट होते हैं। ऐसे मामलों में जहां कोई व्यक्ति आत्महत्या के इरादे से अपने लिंग को काटने का प्रयास करता है, इसे फालसीसाइड के रूप में जाना जाता है। डॉक्टर केवल उन्हीं लिंगों को फिर से जोड़ पाते हैं, जो संक्रमित होने से बचे होते हैं।

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