दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन के ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर पहुंचने के बाद ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया ने 68 करोड़ डॉलर के रक्षा सौदे पर सोमवार को हस्ताक्षर किए। कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद मून जेई-इन ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने वाले पहले विदेशी नेता हैं। जिस सौदे पर हस्ताक्षर हुए हैं उसमे से करीब एक अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के सौदे के तहत दक्षिण कोरियाई रक्षा कंपनी ‘हनव्हा’ ऑस्ट्रेलियाई सेना को हथियार, आपूर्ति वाहन और रडार प्रदान करेगी। यह ऑस्ट्रेलिया और एक एशियाई राष्ट्र के बीच सबसे बड़ा रक्षा अनुबंध है।
समझौता ऐसे समय पर किया गया है जब ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव कायम है। ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन के साथ परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों के निर्माण के लिए एक समझौता करने की घोषणा की थी और इस कदम की चीन ने कड़ी निंदा की थी। मून ने इस यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से मुलाकात की और दोनों नेता अपने देशों के बीच औपचारिक संबंधों को ‘‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी” में बदलने के लिए सहमत हुए।
दोनों नेताओं ने यह भी कहा कि वे ‘हाइड्रोजन’ सहित स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति को सुविधाजनक बनाने को लेकर मिलकर काम करेंगे, जो ऑस्ट्रेलिया में प्रचुर मात्रा में है। मॉरिसन ने कहा कि नए रक्षा सौदे से ऑस्ट्रेलिया में उस जगह पर लगभग 300 नौकरियों का सृजन होगा जहां दक्षिण कोरियाई रक्षा कंपनी ‘हनव्हा’ की एक इकाई है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आज हमने जिस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, वह कोरियाई रक्षा उद्योग की क्षमताओं को लेकर हमारी सोच के बारे में बहुत कुछ बताता है।”
वहीं, मून ने कहा कि भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के मूल्य समान हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि चीन के साथ भी संबंध महत्वपूर्ण हैं, खासकर जब उत्तर कोरिया के साथ शांति बहाल करने की बात आती है। उन्होंने कहा ‘‘इसलिए, दक्षिण कोरिया अमेरिका और चीन के साथ भी संबंध मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हम बेहतर संबंध चाहते हैं।”
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