नवजात शिशु की देखभाल करना, किसी भी नई मां के लिए थका देने वाला होता है। बच्चे का मन बहलाने के लिए, उससे बात करने में ही काफी एनर्जी लग जाती है। शिशु के जन्म लेने के बाद पहले दिन से ही मां अपने बच्चे से बात करना शुरू कर देती है लेकिन तब बच्चा मां की बातों पर प्रतिक्रिया देना शुरू नहीं करता है। बच्चा धीरे-धीरे बातें समझने और उन पर रिएक्ट करना शुरू करता है।
इस काम में खिलौने भी अहम भूमिका निभाते हैं और आप भी इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि बच्चों के विकास में खिलौने अहम होते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि बच्चों के खिलौने क्यों जरूरी होते हैं और उन्हें किस उम्र से टॉएज देने चाहिए।
शिशु को खिलौने कब दें : जन्म के बाद के शुरुआती दिनों और कुछ महीनों तक बेबी सिर्फ अपनी मां, पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ खेलता है। दुनिया और अपने आसपास की चीजों को समझने के लिए अभी बच्चा बहुत छोटा होता है। इसके कुछ महीनों बाद बेबी अपने आसपास की चीजों के साथ खेलना शुरू करता है। आगे इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि जन्म के बाद से लेकर अपने पहले जन्मदिन तक बच्चा कैसे खेलता है।
0 से दो महीने : आने वाले दो महीनों तक बच्चा सिर्फ अपनी मां के साथ खेलता है। उसे मां के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। इस समय बच्चे के सेंसिस विकसित हो रहे होते हैं इसलिए धीमी आवाज वाले और सुंदर खिलौने बच्चे को दे सकते हैं। आप खिलौनों को लटका भी सकते हैं। इन्हें बच्चे से 8 से 9 इंच दूर रखें।
दो से चार महीने : इस दौरान बच्चे को आप नए खिलौने देना शुरू करें। सॉफ्ट टॉएज, रंग-बिरंगे प्लेइंग मैट आप बच्चे को दे सकते हैं। आप नोटिस करें कि बच्चा किस तरह के टॉय के साथ ज्यादा खुश रहता है और फिर उसके पास वही टॉय रखें। इससे आपके न होने पर बच्चा रोएगा नहीं बल्कि उस टॉय के साथ खुश रहेगा।
4 से 6 महीने : इतना बड़ा बच्चा हाथ में कुछ चीजें पकड़ना शुरू कर देता है। उसके हाथों की मूवमेंट भी तेज हो जाती है। इस समय आप बच्चे को वो टॉएज दें, जिन्हें दबाने पर साउंड होता हो जैसे कि सॉफ्ट बॉल
4 से 6 साल का बच्चा अपने आसपास की हर चीज को उठाकर मुंह में लेने लगता है इसलिए बच्चे को कोई भी टॉय देने से पहले, ये देख लें कि कहीं उससे बच्चे को चोट तो नहीं लग सकती।
6 से 12 महीने : अब आप देखेंगे कि बच्चा तेजी से बढ़ रहा है। उसके लिए नए खिलौने खरीद कर लाएं। ऐसे खिलौने रखें जिन्हें बच्चा पकड़ सके, फेंक सके और हाथों से हिला सके।
चलने में मदद करें : इसके अलावा बच्चे के पास कुछ ऐसे खिलौने भी होने चाहिए जिनकी मदद से वो खड़ा हो सके और कुछ कदम चलना सीख सके। इस समय बच्चे घुटनों के बल चलने या पैरों से चलने के लिए अपने आसपास की चीजों की मदद लेना शुरू कर देते हैं इसलिए उनके पास इस तरह के टॉएज जरूर रखें।
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