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December 8, 2024
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अमेरिका में कैसे पनपी मानव सभ्यता? पैरों के निशान ने हजारों साल पुराने रहस्य को खोला

मानव ने लगभग 1,00,000 साल पहले अफ्रीका से पलायन करना शुरू कर दिया था। अंटार्कटिका के अलावा अमेरिका अंतिम महाद्वीप था, जहां तक मानव पहुंचे। अमेरिकियों के पूर्वजों ने बेरिंग भूमि पुल को पार किया जो कभी पूर्वी साइबेरिया को उत्तरी अमेरिका से जोड़ता था। यह हिस्सा अब जलमग्न हो चुका है , जिसे बेरिंग सागर के नाम से जानते हैं।
10 हजार साल पहले बर्फ से ढंका था अमेरिका : करीब 10,000 साल पहले समाप्त हुए प्लाइस्टोसिन हिमयुग के दौरान बड़ी बर्फ की चादरों ने यूरोप और उत्तरी अमेरिका के अधिकांश हिस्से को ढक लिया। इन बर्फ की चादरों के अंदर दबे पानी ने समुद्र के स्तर को कम कर दिया, जिससे लोग आर्कटिक से अलास्का तक एशिया से पुल पर जा सकते थे। लेकिन, पिछले हिमनद चक्र के चरम के दौरान दक्षिण में अमेरिका में उनका मार्ग चौड़ी बर्फ की चादर से अवरुद्ध हो गया था।
हिमयुग के बाद उत्तरी अमेरिका पहुंचे इंसान : अब तक वैज्ञानिकों का मानना था कि जब यह बर्फ पिघलनी शुरू हुई थी यानि सबसे पहले, 16,500 साल पहले उस वक्त मनुष्य केवल दक्षिण में अमेरिका की यात्रा करते थे। लेकिन, शोधकर्ताओं ने मनुष्यों के पैरों के निशान का पता लगाया है जिससे संकेत मिलता है कि इंसानों ने हजारों साल पहले उत्तरी अमेरिका महाद्वीप पर पैर रखा था।
न्यू मेक्सिको में खोजे गए इंसानी पैरों के निशान : न्यू मेक्सिको के व्हाइट सैंड्स नेशनल पार्क में खोजे गए इन पैरों के निशान, किशोरों, बच्चों और वयस्कों के एक समूह के थे और लगभग 23,000 साल पहले अंतिम हिमनदों की अधिकतम ऊंचाई पर ये मिले हैं। यह उन्हें संभावित रूप से अमेरिका में मानव की प्रजातियों का सबसे पुराना सबूत बनाता है। यह निष्कर्ष इस विचार का समर्थन करते हैं कि मानव उत्तरी अमेरिका के दक्षिणी भाग में अंतिम हिमनद शिखर से पहले मौजूद थे। यह ऐसा सिद्धांत है जिस पर अब तक विवाद रहा है और यह संभावित अविश्वसनीय साक्ष्य पर आधारित है।
प्रागैतिहासिक मानवों ने हिमयुग का किया था सामना : सफेद बालू की परतों पर हजारों जीवाश्म पैरों के निशान हैं। ये निशान बताते हैं कि कैसे प्रागैतिहासिक मानवों ने कोलंबियाई हाथियों और विशाल भालुओं की तरह हिमयुग मेगाफौना का सामना किया। पैरों के निशान इस बात का स्पष्ट प्रमाण देते हैं कि लोग अमेरिका में पिछले हिमनदों की अधिकतम ऊंचाई पर थे न कि कुछ समय बाद जैसा कि पहले सोचा गया था। अमेरिका के लोगों और मूल अमेरिकियों की आनुवंशिक संरचना के बारे में हमारी समझ के लिए यह एक बड़ी बात है।
30 हजार साल पहले अमेरिका पहुंचे थे इंसान : यह खोज अमेरिका में अन्य पुरातात्विक स्थलों के बारे में अटकलों को फिर से बल दे सकती है। उनमें से एक मेक्सिको में चिकिहुइते गुफा है। पुरातत्वविदों ने हाल में दावा किया था कि इस गुफा के साक्ष्य से पता चलता है कि सफेद रेत पर मिले निशान के लगभग 7,000 साल पहले यानि इंसानों ने लगभग 30,000 साल पहले अमेरिका में मौजूदगी बना ली थी।

  1. निएंडरथैल में पाए गए जीन्स में ऐसे प्रोटीन्स के कोड मिले जो रीढ़ की हड्डी और दिमाग में दर्द की संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं। जुलाई में की गई स्टडी में पाया गया कि ब्रिटेन के ऐसे लोगों को दर्द ज्यादा होता था जिनमें निएंडरथैल के जीन थे, जबकि उन्हें कम जिनमें ये जीन नहीं थे। निएंडरथैल के हाथ हमसे बड़े होते थे और उनके अंगूठे और हथेलियों के बीच बड़ा कोण होता था। एक स्टडी के मुताबिक इससे साबित होता है कि वे हमारी तरह लिखने का काम मुश्किल से कर पाते लेकिन हथौड़े जैसी चीजें आसानी से पकड़ लेते होंगे।
  2. डेनिसोवंस को निएंडरथैल से जुड़ी इंसानी प्रजाति माना जाता रहा है और अब तक उनकी कुछ ही हड्डियां साइबेरिया में पाई गई थीं। इस साल तिब्बत की एक गुफा वैज्ञानिकों को डीएनए सैंपल मिले जिससे साबित हुआ कि पहले मिली 1.6 लाख साल पुरानी जबड़े की हड्डी डेनिसोवन की थी। इससे पता चला कि ये आबादी बेहद जटिल स्थिति में कैसे रहते होंगे।
  3. एक और स्टडी में पाया गया कि अचानक बदले तापमान और बारिश में बदलाव के कारण निएंडरथैल, होमो इरेक्टस और होमो हाइडलबर्जेनसिस विलुप्त हो गए।
  4. इटली की एक टीम ने 2,750 पुरातत्व रेकॉर्ड्स की जांच में पाया कि जलवायु का हर साल तापमान औसतन करीब 5 डिग्री कम हुआ था। इससे खाने के संसाधनों पर बुरा असर पड़ा और अफ्रीका, एशिया और यूरोप में होमो प्रजाति खत्म होने लगी। वहीं, निएंडरथैल की 25% आबादी खत्म हो गई।
  5. जुलाई में की गई एक स्टडी में मेक्सिको की एक गुफा में 32 हजार साल पुराने औजार और सामान मिले। इससे अंदाजा लगाया गया कि उत्तर अमेरिका पहुंचने वाले सबसे पहले लोग 18 हजार से 13 हजार साल पहले साइबेरिया से बेरिंग होते हुए गुजरे थे। माना जाता है कि हिमयुग में जमीन के रास्ते आना मुश्किल था इसलिए शायद वे समुद्र के रास्ते गए होंगे।
  6. वैज्ञानिकों को पेरू के ऐंडीस पहाड़ों में 9000 साल पुराने कब्रिस्तान में शिकार में इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार मिले। इनके पास मिलीं हड्डियां महिलाओं की थीं जिससे पता चलता है कि महिलाएं भी बढ़-चढ़कर शिकार किया करती थीं।
  7. कोलंबिया में करीब 2.5 मील तक चट्टानों पर फैली कलाकारी में दिखाई देता है कि कैसे प्राचीनकाल में उन जानवरों का शिकार किया जाता था, जो आज विलुप्त हो चुके हैं।
  8. कैलिफोर्निया में एक गुफा के अंदर लाल रंग के चक्के की आकृति मिली जो करीब 500 साल पुरानी रही होगी। इसके अलावा वहां चबाया हुआ धतूरा दरारों के बीच में मिला। माना जाता है कि वहां 1530-1890 के बीच रहे लोगों ने इसका सेवन किया होगा।
  9. मिस्र के सक्कारा में 2,500 साल पहले दफन की गईं कम से कम 160 ममी बरामद की गईं। इनके साथ कई सामान भी मिले। माना जा रहा है कि अभी इस इलाके में इतिहास से जुड़े और सबूत मिल सकते हैं।
  10. करीब 5000 साल पुराने स्टोनहेंज में दो अलग-अलग तरह के पत्थर लगे हैं। रिसर्चर्स ने छोटे ब्लूस्टोन को 150 मील दूर वेल्स में खोजा है। जुलाई में की गई रिसर्च में संभावना जताई गई है कि इसमें लगे बाकी 30 फुट सैंडस्टोन के पत्थर पास के इलाके से आए हैं। हालांकि, इन्हें यहां तक लाया कैसे गया होगा, यह एक बड़ा सवाल बरकरार है।
  11. रेडार की मदद से बेल्जियन और ब्रिटिश रिसर्चर्स ने रोम के बाहर पूरे के पूरे शहर की खोज की है। यह प्राचीन शहर 241 ईसा पूर्व में बसाया गया होगा। यहां स्नानघर और सार्वजनिक इमारतें पाई गई हैं।
  12. जुलाई में की गई स्टडी में पाया गया कि हिमयुग के करीब 12 साल पहले खत्म होने पर ऑस्ट्रेलिया का 30% तटीय इलाका पानी के नीचे दफन हो गया। यहां पत्थर के औजार काटने और बीज पीसने के लिए पाए गए। ये करीब 7000 साल पुराने रहे होंगे। माना जाता है कि ऐसी आबादी यहां रही होगी जो खाने की तलाश में तट के पास घूमती होगी।
    इन दावों पर विवाद भी : हालांकि, चिकिहुइते गुफा के निष्कर्ष पर विवाद है क्योंकि पत्थर के औजारों की व्याख्या करना मुश्किल हो सकता है और पत्थर जैसे उपकरण प्राकृतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से बने हो सकते हैं। पत्थर के औजार तलछट और चट्टान की परतों के बीच इधर-उधर हुए हो सकते हैं। लेकिन जीवाश्म पैरों के निशान आगे नहीं बढ़ सकते। वे मिट्टी या बर्फ की परत पर होते हैं, और इसलिए इस बात का अधिक विश्वसनीय प्रमाण प्रदान करते हैं कि इंसानों की वहां कब मौजूदगी थी। (मैथ्यू रॉबर्ट बेनेट और सैली क्रिस्टीन रेनॉल्ड्स, बोनमथ विश्वविद्यालय) बोनमथ (ब्रिटेन)

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